आजमगढ़

सीएम की उम्मीदोें को झटका, मनरेगा मजदूरों से काम नहीं कराएंगे प्रधान, भुगतान में आ रही समस्या

– लाक डाउन से परेशान मजदूरों की समस्या का नहीं होगा समाधान

आजमगढ़Apr 21, 2020 / 05:51 pm

Abhishek Gupta

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आजमगढ़. लाक डाउन के दौरान मनरेगा के तहत काम कराकर मजदूरों की आमदनी बढ़ाने के सीएम योगी के फैसले को बड़ा झटका लगा है। जिले के मार्टीनगंज ब्लाक के प्रधानों ने मनरेगा मजदूरों से किसी तरह का काम न लेने का फैसला किया है। इसका प्रमुख कारण मनरेगा मजदूरों के पारिश्रमिक भुगतान में आ रही दिक्कत बताया जा रहा है। प्रधानों का दावा है कि मनरेगा में पारिश्रमिक कम है, जिसके कारण कोई मजदूर काम नहीं करना चाहता है। इस संबंध में उन्होंने बीडीओ प्रेमचंद राम को ज्ञापन सौंपा है।
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ग्राम प्रधान पवन सिंह, संजय सिंह, भारत राजभर, मिटू यादव, आलोक यादव, अनुपम सिंह लक्की, घनश्याम यादव, मोहम्मद सलीम आदि ने कहा कि सरकारी मजदूरी 201 रुपये है जबकि मजदूर तीन सौ रुपये नकद मांगते हैं। पैसा उनके खाते में जाता है और जब प्रधान मौके पर दिए गए अपने पैसे की मांग करता है तो मजदूरों की शिकायत पर प्रधानों को जेल भेज दिया जाता है। मजदूरी महीनों विलंब से प्राप्त होती है, जबकि निर्धारित समय में भुगतान का प्रावधान है। ऐसे में प्रधान को अपने पास से भुगतान करना पड़ता है। खाते में मजदूरी प्राप्त होने पर प्रधान जब मजदूरों से अपने पैसे वापस मांगते हैं तो मजदूरों की सामान्य शिकायतों पर प्राथमिकी दर्ज कराने के साथ कभी-कभी उन्हें जेल भी भेज दिया जाता है।
प्रतिदिन भुगतान न करने की स्थिति में कार्य मांग शून्य हो गई है। ऐसे में मनरेगा के कार्यों को करा पाना संभव नहीं हो पा रहा है। खंड विकास अधिकारी का कहना है कि ज्ञापन प्राप्त हुआ है। इस पर अधिकारियों से विचार-विमर्श के बाद कोई ठोस निर्णय लिया जाएगा।

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