बता दें कि पूर्वांचल में मंगलवार से ही छिटपुट बरसात शुरू हो गयी थी लेकिन गुरुवार की सुबह जब बरसात तेज हुई तो अगले 24 घंटे तक नियमित बरसात होती रही। बारिश शुक्रवार की सुबह जाकर बंद हुई। इस दौरान इतनी बरसात हुई कि चारो तरफ सिर्फ पानी ही पानी नजर आया। दुकान में पानी घुसने से लोगों को लाखों का नुकसान उठाना पड़ा। वहीं सरकारी दफ्तरों में पानी घुसने से अभिलेखों को नुकसान पहुंचा।
आजमगढ़ में 130.05 मिमी वर्षा
पिछले चौबीस घंटे यानि गुरुवार की सुबह बजे से शुक्रवार की सुबह 8 बजे तक 130.05 मिमी वर्षा हुई जो इस साल एक दिन में हुई सर्वाधिक बरसात है। बरसात के कारण जिले में तीन मकान गिर गए। मलवे में दबने से जहां एक की मौत हो गयी वहीं पांच लोग गंभीररुप से घायल हो गए। जिले के अहरौला थाना क्षेत्र के मुबारकपुर में कच्चा मकान गिरा लेकिन घर में कोई मौजूद नहीं था। वहीं निजामाबाद थाना क्षेत्र के रानीपुर चक नोनिया गांव में एक कच्चे मकान की दीवार गिर गई। मलबे में दब कर 60 वर्षीय कुंती देवी की मोत हो गयी जबकि उनके पति सरजू की हालत गंभीर बनी हुई हुई है। दीदारगंज थाना क्षेत्र के जेठहरी गांव निवासी दयाशंकर राजभर का कच्चा मकान भी गिर गया। मलवे में दबकर मीरा राजभर, सोनू राजभर व नैना राजभर घायल हो गई। तीनों को निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
बलिया में 110 मिमी वर्षा
बलिया जनपद में रिकार्ड एक दिन में 110 मिमी वर्षा हुई। बसरात के कारण एक बार फिर नदियों का जल स्तर बढ़ गया तो शहर से लेकर गांव तक लोग जल जमाव से जूझते रहे। घरों व दुकानों में पानी घुसने से भारी नुकसान हुआ। बलिया के के संवरुपुर में घर की दीवार गिरने से एक महिला की मौत हो गई दो लोग घायल हो गए।
जौनपुर में चार की मौत
जौनपुर में बरसात ने भारी तबाही मचाई। यहां अलग-अलग स्थानों पर दीवार गिरने से मलबे में दबकर चार लोगों की मौत हो गयी। सदर तहसील क्षेत्र के सकल देल्हा गांव निवासी उर्मिला देवी की दीवार के मलबे में दबने से मौत हो गई। वहीं मछलीशहर क्षेत्र के सरायखानी गांव निवासी भरत लाल व उनकी पत्नी गुलाबा देवी एवं उनकी बेटी साक्षी की भी कच्चा मकान गिरने से मौत हो गयी। इनके परिवार के दो लोग घायल हो गए हैं।
आजमगढ़- 130.05 मिमी
बलिया- 110.10 मिमी
जौनपुर 27.12 मिमी