मनुष्य अपनी वाणी व कर्म से किसी को भी कष्ट न दे – राधा किशोरी
श्रीकृष्ण गौशाला समिति के शताब्दी वर्ष पर नारायण सेवा संस्थान के सहायतार्थ आयोजित श्रीमद् भागवत में गुरूवार को कथा व्यास राधा किशोरी ने भागवत कथा में भक्त प्रह्लाद के जन्म व भक्ति, शिव-पार्वती के विवाह का वर्णन कर लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
रिपोर्ट:-रणविजय सिंह
आजमगढ। श्रीकृष्ण गौशाला समिति के शताब्दी वर्ष पर नारायण सेवा संस्थान के सहायतार्थ आयोजित श्रीमद् भागवत में गुरूवार को कथा व्यास राधा किशोरी ने भागवत कथा में भक्त प्रह्लाद के जन्म व भक्ति, शिव-पार्वती के विवाह का वर्णन कर लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस दौरान मंच पर शिव-पार्वती की झांकी भक्तों के आकर्षण का केंद्र रही। कथा व्यास राधा किशोरी ने कहा कि जो अमृत कथा शुकदेव ने भोले बाबा से सुनी वही कथा श्रीमद्भागवत पुराण है, जिसे शुकदेव ने समय आने पर लोगों को सुनाई। ईश्वर की सर्वोत्तम कृति मानव जीवन है, प्रत्येक मनुष्य के हृदय में ईश्वर का वास होता है। व्यक्ति को अपने जीवन में मन, वाणी, कर्म से किसी को भी कष्ट नहीं देना चाहिए।
प्रह्लाद कथा का वर्णन करते हुए कहा कि एक बार हिरण्यकश्यप विजय प्राप्ति के लिए तपस्या में लीन था। मौका देखकर देवताओं ने उसके राज्य पर कब्जा कर लिया। उसकी गर्भवती पत्नी को ब्रह्मर्षि नारद अपने आश्रम में ले गये। उसे प्रतिदिन धर्म और विष्णु महिमा के बारे में बताया गया। ज्ञान गर्भ में पल रहे पुत्र प्रहलाद ने भी प्राप्त किया। बाद में असुरराज ने बह्मा के वरदान से तीनों लोकों पर विजय प्राप्त कर ली तो रानी उसके पास आ गई, जहां प्रहलाद का जन्म हुआ। बाल्यावस्था में पहुंचकर प्रहलाद ने विष्णु-भक्ति शुरू कर दी। इससे क्रोधित होकर हिरण्यकश्यप ने अपने गुरु को बुलाकर कहा कि ऐसा कुछ करो कि यह विष्णु का नाम रटना बंद कर दे लेकिन सभी असफल रहे। अंत में शिव-पार्वती की आकर्षक झांकी निकालकर श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर दिया गया। इस मौके पर अभिषेक जायसवाल दीनू, मनोज खेतान, विरेन्द्र बरनवाल अशोक रूंगटा, अजय अग्रवाल, राजेश अग्रवाल, बाबी अग्रवाल, अशोक अग्रवाल, चन्दन अग्रवाल, सुबाष सोनकर, जयप्रकाश यादव, परमजीत सिंह, श्रीराम सोनकर, श्यामसुन्दर डालमिया आदि उपस्थित थे।
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