बता दें कि इस समय ग्राम पंचायतों की स्थिति काफी खराब है। पंचायतों में खर्च काफी अधिक है लेकिन आमदनी का कोई माध्यम नहीं है। प्रत्येक ग्राम सभा में नवनिर्मित सामुदायिक शौचालय ने पंचायतों के खर्च को और बढ़ा दिया है। पंचायत को शौचालय के केयर टेकर को छह हजार व शौचालय की साफ सफाई के लिए प्रतिमाह तीन हजार रुपये खर्च करने पड़ रहे हैं। इस मद में शासन ने कोई धनराशि नहीं मिलती है।
अब सरकार सारी सुविधाएं एक ही छत के नीचे मुहैया कराने के उद्देश्य से जिले की सभी 1858 ग्राम पंचायतों में पंचायत सहायक की नियुक्ति करने जा रही है। इनके मानदेय की व्यवस्था भी ग्राम पंचायत को करनी है। सरकार द्वारा मानदेय के मद में कोई बजट नहीं दिया जाएगा। जबकि इन्हें प्रतिमाह छह हजार रुपये देना है।
ऐसे में सरकार ने ग्राम पंचायत स्तर पर ही आमदनी का साधन बढ़ाने का फैसला किया है। इसके तहत 50 लाख रुपये तक ग्राट का फैसला किया गया है। शासन ने पंचायत को आमदनी बढ़ाने का तरीका भी बताया है। निर्देश में कहा गया है कि सभी पंचायतें नवनिर्मित सामुदायिक शौचालयों व पंचायत भवनों के पास दुकान खोलवाने पर जोर दें। साथ ही शौचालय के भवन की दीवारों पर विज्ञापन लगवाएं। छत पर सोलर पैनल व कंपनियों से संपर्क करके टावर आदि लगवाने की कोशिश करें। इन सभी से आमदनी बढ़ सकती है। पंचायत भवन के पास अगर पंचायत की जमीन है तो बाजार आदि की स्थापना का प्रयास करें। इससे आमदनी बढ़ेगी। अगर दो साल तक पंचायत आमदनी को बढ़ाती है तो वह ग्रांट की हकदार होगी।