सोमवार को जेल अधिकारियों ने पुनः चिह्नित किए गए बंदियों की बैरकों में पहुंचकर सघन तलाशी कराई। इटौरा में बने आधुनिक जिला कारागार में जैमर लगने के बाद भी बंदियों के बीच मोबाइल का खेल धड़ल्ले से चल रहा है। इस बात का पुख्ता प्रमाण तब सामने आया जब जेल में निरुद्ध कुख्यात बदमाशों द्वारा दीपावली के पर्व पर जेल के अंदर से वाट्सएप ग्रुपों में डाले गए फोटो वायरल होते ही अधिकारियों के बीच हड़कंप मच गया। जेल अधिकारियों ने रविवार को सुबह ही जेल में पहुंचकर बंदियों के साथ ही बैरकों की सघन तलाशी कराई।
तलाशी के दौरान भी जेल अधिकारियों के हाथ कोई मोबाइल फोन हाथ नहीं लगा। इधर वाट्सएप ग्रुप पर जिन बंदियों के फोटो जेल से वायरल हुए थे, वे फोटो जेल के प्रभारी अधीक्षक के हाथ लग गए। उन्होंने फोटो के आधार पर उक्त सभी बंदियों को चिह्नित कराया और सोमवार को पुनः जेल का सर्च अभियान चलाया। तलाशी अभियान के तहत जेल में निरुद्ध बंदी सचिन पांडेय प्रथम व द्वितीय के पास से एक-एक मोबाइल सेट मिला, जबकि अकबर, सुजीत तिवारी व शनि राय के पास से भी एक-एक सेट मोबाइल फोन बरामद हुआ।
बरामद किए गए उक्त बंदियों के पांचों मोबाइल फोन की गैलरी को जेल अधिकारियों ने चेक कराया तो वायरल हुए फोटो उनके मोबाइल फोन के गैलरी में मिल गए। मोबाइल फोन मिलने के बाद जेल अधिकारी तत्काल एक्शन में आ गए। उन्होंने उक्त बंदियों को क्रमशः बुलाकर पूछताछ शुरू की। जेल अधिकारियों ने जब थर्ड डिग्री का इस्तेमाल किया तो उन्होंने फोटो वायरल की बात स्वीकार भी कर ली। तनहाई के बैरक में रखे गए गैर जिले के अपराधी दिनेश भाटिया का कहना है कि उसे दीपावली की शाम को सचिन व उसके साथी जबरन बैरक के हाते से पकड़ कर ले गए थे।
अपने हाते में ले जाने के बाद उसके साथ फोटो खींचा था। इस मामले की पुष्टि होने के बाद जेल अधिकारी के निर्देश पर उक्त सभी पांचों बंदियों को जेल के अंदर हाई सिक्योरिटी में रखा गया है। जेल के प्रभारी अधीक्षक हरीश कुमार का कहना है कि जेल के अंदर जिन बंदियों के पास से मोबाइल फोन मिले हैं उनके खिलाफ कार्रवाई के लिए जिला प्रशासन के साथ ही विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को भी पत्र भेजा गया है।
By Ran Vijay Singh