बता दें कि प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2017-18, 2018-19 और 2019-20 में कार्यदायी संस्था आजमगढ़ विकास प्राधिकरण को 800 आवास बनाने का लक्ष्य दिया गया था। काफी प्रयास के बाद एडीए ने 432 आवास निर्माण के लिए होमगार्ड कार्यालय के पास सिधारी पर तमसा नदी के किनारे लगभग 1.40 हेक्टेयर भूमि चिन्हित की। इसके बाद प्रक्रिया आगे बढ़ी तो भूमि एडीए के नाम हो गयी। लोगों को लगा कि अब उनके आवास का सपना पूरा हो जाएगा।
उम्मीदों को पंख उस समय लग गए जब सरकार ने 17 करोड़ रुपये की मंजूरी दे दी लेकिन जब परियोजना के शुरुआत का समय आया तो भूमि एनजीटी के दायरे में आ गई। इसके बाद आवास निर्माण खटाई में पड़ गया। अब लोेगों के आवस का सपना पूरा होता दिखाई नहीं दे रहा है। कारण कि उक्त स्थान पर निर्माण हो नहीं सकता और नई जगह भूमि की तलाश इतनी आसान नहीं है।
इस मामले में आजमगढ़ विकास प्राधिकरण के सचिव बैजनाथ का कहना है कि 800 में 432 आवास बनवाने के लिए प्रशासन की तरफ से सिधारी पर भूमि उपलब्ध कराई थी, जो एनजीटी के दायरे में आ गई। काफी दिन बाद भी जब दूसरी भूमि नहीं मिली तो आवास बनाने के लिए 17 करोड़ के डीपीआरओ मिली मंजूरी को भी शासन से निरस्त कर दिया। अब नया आदेश आएगा तो उसके हिसाब से कार्य किया जाएगा।
BY Ran vijay singh