पुलिस को मुखबिर के जरिये सूचना मिली कि पशु तस्करी के साथ ही दंगा फैलाने वाले गिरोह के लोग किसी घटना को अंजाम देने के लिए दुर्वासा की तरफ जा रहे है। इसके बाद थानाध्यक्ष अहरौला और कोतवाल फूलपुर मय फोर्स के साथ घेरेबंदी शुरू किये। रात करीब 9.30 बजे फूलपुर कोतवाली क्षेत्र के रीवा सुल्तानपुर के पास पुलिस ने बदमाशों के घेर लिया। पुलिस से घिरता देख बदमाश फायर शुरू कर दिये। पुलिस ने भी जवाबी फायरिंग की।
इस दौरान गिरोह का सरगना सेराज पुलिस की गोली लगने से घायल हो गया। जबकि स्कार्पियो चालक नियाउज गांव निवासी साबिर पुत्र आबिद को पुलिस ने घेरेबंदी कर पकड़ लिया। बदमाशों के साथ चल रही पिकअप का चालक और कुछ अन्य बदमाश अंधेरे का लाभ उठाकर फरार हो गये। मुठभेड़ में फूलपुर कोतवाली प्रभारी रमायन सिंह और आरक्षी विनोद यादव भी घायल हो गये। सभी घायलों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र फूलपुर लाया गया, जहां चिकित्सक ने हालत गंभीर देख जिला अस्पताल के लिए रेफर कर दिया।
पुलिस अधीक्षक अजय कुमार साहनी ने बताया कि सेराज गिरोह का सरगना है और इस गिरोह ने आजमगढ़, मऊ, बलिया, जौनपुर, गोरखपुर आदि पूर्वांचंल के जिलों में 400 से अधिक घटनाओं को अंजाम दिया है। यह गिरोह पशु की चोरी करता था साथ ही पुलिस और आज जनता पर पथराव भी करता था। यही नहीं इस संगठन के लोग दंगा फैलाने में भी माहिर थे।
विधानसभा चुनाव के दौरान इस संगठन के लोगों ने दुवार्सा ऋषि आश्रम पर मंहत को मारपीटकर लूटपाट की थी। इस दौरान इनकी कोशिश सांप्रदायिक माहौल को खराब करने की थी। निकाय चुनाव में भी ये कुछ ऐसा ही करने की फिराक में थे। कई प्रत्याशी इनके निशाने पर थे जिनकी ये हत्या करना चाहते थे।
पुलिस ने मुठभेड़ के दौरान इनके पास से दो कंट्री मेड पिस्टल, तमंचा, स्कार्पियो, पिकअप आदि बरामद किया है। यह वहीं पिकअप है जिसपर सवार लोग चार दिन पहले कंधरापुर में मुठभेड़ के दौरान पुलिस पर पथराव करते हुए वाहन लेकर फरार हो गये थे। पुलिस के मुताबिक गिरफ्तार लोगों से पूछताछ में बड़े खुलासे की संभावना है।