कांग्रेस शुरू से नागरिकता कानून के विरोध में खुद को आगे रखने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है। यही वजह है कि सपा-बसपा जैसी पार्टियां जब तक इसको लेकर रणनीति बनाने में लगी थीं तो कांग्रेस उनसे कहीं आगे बढ़कर इसका विरोध कर रही थी। उत्तर प्रदेश में सीएए के प्रदर्शनकारियों पर कार्रवाई के बद प्रियंका गांधी उनके परिवारों से भी मिलीं।
इधर आजमगढ़ में भी बीते दिन जौहर अली पार्क में भी शाहीन बाग की तर्ज पर महिलाएं धरने पर बैठ गयीं। इसके बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए उन्हें वहां से हटाया। पर सपा का गढ़ होने के बावजूद कार्रवाई के खिलाफ खड़ होने में सपा ने जैसे ही देर की कांग्रेस ने इसे लपक लिया। अखिलेश यादव ने इसको लेकर कुछ नहीं कहा और न ही जिले में पहुंचे। महज एक ट्वीट के अलावा उन्होंने कुछ नहीं किया। कांग्रेसियों ने इसको लेकर न सिर्फ सपा पर सवाल उठाए बल्कि सांसद अखिलेश यादव के लापता होने के पोस्टर तक लगा दिये। इसका जवाब देने के लिये सपा ने अपने मुस्लिम विधायक को मैदान में उतारा तो अब प्रियंका गांधी बुधवार को खुद पुलिस कार्रवाई की शिकार महिलाओं से मिलने आजमगढ़ पहुंच रही हैं।
उनके दौरे से पहले सपा ने मोर्चा संभालते हुए कांग्रेस पर हमले शुरू कर दिये हैं। सपा विधायक नफीस अहमद ने कहा है कि कांग्रेस ने मुसलमानों का सबसे ज्यादा नुकसान किया। अब देखना यह होगा कांग्रेस इस मुद्दे के जरिये जिस तरह सपा को उसी के गढ़ में पछाड़ने की कवायद में जुटी है, उसका मुकाबला समाजवादी पार्टी कैसे करती है।