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आजमगढ़

भाजपा व आरएसएस की नीति से असहिष्णुता का माहौल: रीता बहुगुणा

भारतीयों की एकता में है विकास और खुशहाली, पुण्यतिथि पर याद किये गये पूर्व मुख्यमंत्री हेमवती नंदन बहुगुणा

आजमगढ़Mar 19, 2016 / 08:33 pm

Ashish Shukla

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आजमगढ़. कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष रीता बहुगुणा जोशी ने कहा कि आज यूपी के लोग उस दौर को याद करते हैं जब हेमवती नंदन बहुगुणा के नेतृत्व में यूपी का ऐसा माहौल था कि हर धर्म और जाति का इंसान एक-दूसरे से जुड़ा महसूस करता था। लोग एक-दूसरे धर्म का एहतराम करते थे। क्योंकि बहुगुणा की आस्था थी कि हिन्दुस्तान जैसे देश में जहां विभिन्न धर्मों, संस्कृतिओं व जवानों को कुदरत ने तोहफे में दिया है उनको मिलाकर रहना और एक गुलेस्ते की सक्ल में संसार के सामने भारत को पेश करना ही भारत की असल तस्वीर है।

श्रीमती बहुगुणा शनिवार को नेहरूहाल में आयोजित पूर्व मुख्यमंत्री स्व. हेमवती नंदन बहुगुणा की 27वीं पुण्यतिथि को सम्बोधित कर रहीं थीं। उन्होंने कहा कि भारत का विकास व खुशहाली सिर्फ भारतीयों की एकता है। जब-जब इस देश के लोगों ने एक दूसरे धर्म का एहतराम किया, गंगा-यमुनी तहजीब को अपनाया, तब-तब देश विकास के रास्ते पर अग्रसर हुआ। आज देश को हिन्दू-मुस्लिम एकता, सेकुलर तौर-तरीका व धर्म निरपेक्षता की जरूरत है। 

आरएसएस व भाजपा की नीतियों के चलते देश में असहिष्णुता का माहौल है। जो नफरत, फिरकापरस्ती और दुश्मनी पैदा करने वाली है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने हमेशा महात्मा गांधी, पंडित नेहरू जैसे महान नेताओं की सोच को अपनाया है। आज देश में ऐसे ही रहनुमाओं की जरूरत है। पूर्व मंत्री अम्मार रिजवी ने कहा कि फिरकापरस्त ताकतें हिन्दू-मुस्लिम एकता के साथ खिलवाड़ और समाज को धर्म व जाति के सियासत से तोड़ना चाहती हैं। ऐसे में हर नागरिक की पहली जिम्मेदारी है कि वह आपसी भाईचारा व शांति का संदेश लोगों तक पहुंचाये। प्रो. रमेश दीक्षित ने कहा कि बहुगुणा जैसी हस्तियां सदियों में पैदा होती हैं। 

आज वह हमारे बीच नहीं हैं लेकिन उनकी सामाजिक सेवा और देशहित में किये गये कार्यों को हमेशा याद किया जायेगा। विधायक नदीम जावेद ने कहा कि महात्मा गांधी, पंडित नेहरू और मौलाना अब्दुल कलाम आजाद के नजरीयात पर चलकर ही तरक्की की जा सकती है। इस मौके पर पूर्व सांसद डा. संतोष सिंह, बलिहारी बाबू, शोएब, डा. सबाबुद्दीन, अरविंद जायसवाल, हवलदार सिंह, लालसा राय, राजकुमार पांडेय, बेलाल अहमद, डा. शौकत, मंसूर आलम, चंद्रपाल सिंह यादव, डा. रामकिशुन, मुन्नू यादव, सूर्यमुखी गोंड, आरिफ, सुरेंद्र सिंह आदि उपस्थित रहे।

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