सामाजिक संगठन प्रयास की ओर से दिए गए ज्ञापन में अध्यक्ष रणजीत सिंह ने ज्ञापन में बताया कि गत दिनों महाराजगंज के ब्लाक के अराजी बैरिया गांव निवासिनी सोमारी की ठंड लगने से मौत हो गई। इसकी पुष्टि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी हुई है। ऐसे में सवाल उठता है कि आठ बीघा खेत रहने के बावजूद भी किन परिस्थितियों में मृतका समाज से दूर उजड़ी मड़ई में रहने को विवश थी। उन्होंने एक पूर्व प्रधान द्वारा मृतका की भूमि कब्जाने व उसे समाज से बहिष्कृत कराने का आरोप लगाते हुए कहा कि मृतका के दोनों बच्चों को सरकार की ओर से मुआवजा दिया जाना चाहिए। सिंह ने कहा कि बच्चों के सुरक्षित व बेहतर जीवनयापन में सहयोग मिल सके। सामाजिक संगठन प्रयास के पदाधिकारियों ने मामले में दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने व बच्चों को उनके हिस्से की भूमि उपलब्ध कराए जाने की मांग किया। इस अवसर पर अभियंता सुनील यादव, महेन्द्र पम्पू, डॉक्टर हरगोविन्द विश्वकर्मा, शम्भू दयाल सोनकर, शमसाद सोनकर, प्रेमगम आजमी सहित आदि मौजूद रहे। वहीं, मृतका के अनाथ दोनों बच्चों को न्याय दिलाने व उनकी पूर्व प्रधान द्वारा जबरन कब्जाई गई भूमि को वापस दिलाने को लेकर गांधीगिरी टीम व उत्तर प्रदेश अभिभावक महासंघ ने सोमवार को जिलाधिकारी को संबोधित ज्ञापन मुख्य विकास अधिकारी को सौंपा। गांधीगिरी टीम के संयोजक विवेक पांडेय ने कहा कि सगड़ी तहसील के अराजी बैरिया गांव निवासी सोमारी देवी के पास रहने के लिए न तो छत थी और न ही खाने के लिए खाद्यान्न। वह गांव के सिवान में घास-फूस की झोपड़ी में कुछ दबंगों के डर से त्रस्त होकर रहने को विवश थी। सोमारी के पिता भगोला के पास हथियागढ़ गांव में करीब आठ बीघा जमीन थी लेकिन उक्त जमीन को गांव के पूर्व प्रधान द्वारा कब्जा कर लिया गया है। उप्र अभिभावक महासंघ के गोविन्द दूबे ने ज्ञापन के माध्यम से सोमारी देवी के पिता की भूमि को पूर्व प्रधान से मुक्त कराकर उसके बच्चे श्रवण व आर्यन के नाम कराये जाने की मांग किया। इस अवसर पर आशीष उपाध्याय, ऋषभ, चंचलशर्मा, ब्रजेश चैरसिया, ऋषभ पंडित इजहार अहमद, चन्दन सिंह, अखंड दुबे सहित आदि मौजूद रहे।
इनपुट : रणविजय सिंह