बता दें कि आजमगढ़ संसदीय सीट पर गठबंधन से सपा मुखिया अखिलेश यादव मैदान में उतरे थे जबकि भाजपा ने फिल्म स्टार दिनेश लाल यादव निरहुआ को मैदान में उतारा था। इनके अलावा विभिन्न दलों व निर्दल के रूप में 13 अन्य प्रत्याशी किस्मत आजमा रहे थे। सपा को दलित मुस्लिम और यादव मतों की गोलबंदी से बड़ी जीत की उम्मीद थी तो भाजपा निरहुआ के ग्लैमर को भुनाना चाहती थी। वहीं पार्टी को डर था कि अखिलेश के मुकाबले यदि बाहुबली रमाकांत यादव को मैदान में उतारा गया तो नाराज सवर्ण विपक्ष के साथ जा सकता है। इसलिए पार्टी ने निरहुआ को मैदान में उतारा था।
निरहुआ की सभा में जिस तरह की भीड़ आई उसे देख भाजपाइयों को उम्मीद थी कि वे मुलायम सिंह के गढ़ में फिर कमल खिलाने में सफल होंगे लेकिन जब ईवीएम खुले तो बीजेपी की उम्मीदों पर पानी फिर गया। समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने 621578 मत हासिल कर जीत दर्ज की जबकि निरहुआ को 361704 मत मिले। अखिलेश यादव ने निरहुआ को 259874 मतों से पराजित किया। अन्य 13 प्रत्याशी जमानत भी नहीं बचा सके। वहीं 7255 लोगों ने नोटा का प्रयोग किया। इस परिणाम से साफ हो गया कि बीजेपी के लिए सपा बसपा के गढ़ में सेंध लगाना आसान नहीं है।
अभ्यर्थी-दल का नाम- कुल मत
अखिलेश यादव-सपा-621578
दिनेश लाल यादव निरहुआ-भाजपा-361704
अनिल सिंह-उलेमा काउंसिल-6763
अभिमन्यू सिंह शन्नी-सुभासपा-10078
अरविन्द कुमार पाण्डेय-नाएपा-949
एहसान अहमद-नैपा-976
पवन सिंह सम्राट- आजपा(इंडिया)-1106
प्रमोद तिवारी-जकिपा-3148
मोहिन्दर कुमार-सद-2901
गोरखराम निषाद-निर्दलीय-1250
गौरव सिंह- निर्दलीय- 1432
बुद्धिराम-निर्दलीय 2098
राजाराम गोड़-निर्दलीय- 1931
राजीव तलवार-निर्दलीय- 2204
डा. राजीव पाण्डेय-निर्दलीय- 3739
नोटा-7255