आजमगढ़

इस सियासी परीक्षा में कैसे पास होंगे अखिलेश यादव, खास सिपाही दुर्गा के भतीजे से मिल रही चुनौती

आजमगढ़ से बज रही सपा के लिए खतरे की घंटी, मुलायम के गढ़ के रूप में जाना जाता है जिला

आजमगढ़Sep 25, 2017 / 03:57 pm

वाराणसी उत्तर प्रदेश

इस सियासी परीक्षा में कैसे पास होंगे अखिलेश यादव, खास सिपाही दुर्गा के भतीजे से मिल रही चुनौती

आजमगढ़. मुलायम सिंह यादव के संसदीय क्षेत्र आजमगढ़ में जिला पंचायत अध्‍यक्ष की कुर्सी पर तख्‍तापलट की कोशिश और तेज हो गयी हैं। दोनों पक्ष अपने समर्थक सदस्‍यों को सुरक्षित जगह पर रोकने में लगे हैं। सभी दल सपा को मात देने के लिए अंदरखाने से एक जुट दिख रहे हैं तो सपा के भी कुछ नेता अपने ही जिलापंचायत अध्‍यक्ष को उनकी हद दिखाने के लिए जिला पंचायत अध्‍यक्ष की कुर्सी पर विरोधी को बैठाना चाहते हैं। सब मिलाकर घमासान पूरे चरम पर है और मंगलवार को दोपहर तक यह फैसला हो जाएगा कि अमंगल किसका होगा। साथ ही यह भी तय हो जाएगा कि मुलायम के गढ़ में पूर्व सीएम अखिलेश यादव की कितनी चलती है।
दरअसल, यूपी में भाजपा के सत्‍ता में आने के बाद समाजवादी पार्टी एक के बाद एक कर तीन क्षेत्र पंचायत अध्‍यक्ष की कुर्सी गंवा चुकी है। अब जिला पंचायत अध्‍यक्ष मीरा यादव के खिलाफ अविश्‍वास प्रस्‍ताव लाया गया है। अविश्‍वास प्रस्‍ताव लाने वाला कोई और नहीं पूर्व सीएम अखिलेश यादव के करीबी पूर्व मंत्री दुर्गा प्रसाद यादव के भतीजे प्रमोद यादव हैं। खुलेतौर पर न सही लेकिन प्रमोद को सपा के उस धड़े का भी साथ मिल रहा है जो जिला पंचायत अध्‍यक्ष मीरा यादव के ससुर यानी जिलाध्‍यक्ष हवलदार यादव से नाराज है। वहीं शिवपाल समर्थक भी अंदरखाने से प्रमोद की मदद कर रहे हैं।
 

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भाजपा इस ममाले से खुद को अलग थलग दिखाने का प्रयास कर रही है लेकिन सूत्रों की मानें तो भाजपा के बाहुबली पूर्व सांसद रमाकांत यादव प्रमोद की खुलकर मदद कर रहे हैं। रमाकांत यादव के 24 समर्थक सदस्‍य हैं। रहा सवाल बसपा का तो भूपेंद्र सिंह मुन्‍ना खुलेआम प्रमोद का प्रचार कर रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक जिस दिन प्रमोद यादव ने डीएम से मिलकर अविश्‍वास प्रस्‍ताव की नोटिस दी उसके अगले दिन ही सभी समर्थित सदस्‍यों को गोवा और नेपाल घूमने के लिए भेज दिया। आज उन सदस्‍यों की वापसी हो रही है। अब मंगलवार को दोनों पक्ष अपने सदस्‍यों की परेड कराएंगे। इसके बाद जरूरत पड़ी तो वोटिंग कराकर अविश्‍वास प्रस्‍ताव पर फैसला होगा।

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दोनों पक्ष अपनी जीत का दावा कर रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ हर किसी की नजर इस लड़ाई पर है। कारण कि हवलदार यादव अखिलेश यादव के करीबी माने जाते हैं। राजनीति के जानकारों का मानना है कि अविश्‍वास प्रस्‍ताव पर बहस और वोटिंग के बाद न केवल हवलदार के कद का फैसला होगा बल्कि मुलायम के गढ़ में अखिलेश यादव की स्थित का भी पता चल जाएगा।
By Ran Vijay Singh

 

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