बता दें कि पोस्टमार्टम हाउस की बदहाली की शिकायत आये दिन सामने आती है। लोेग लाशों के रख रखाव से लेकर पोस्टमार्टम तक पर सवाल उठाते रहे हैं। आरोप तो यहां तक लगाए जाते हैं कि पोस्टमार्टम हाउस में चूहे और छछुंदर लाशों को कुतर देती है जिसके कारण इंजरी के मिलान में दिक्कत आती है लेकिन कभी किसी प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक ने इन आरोपों पर ध्यान नहीं दिया।
हाल ही में प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक का प्रभार संभालने वाले डा. अनूप कुमार सिंह गुरुवार को पोस्टमार्टम हाउस पहंुचे। उन्होंने पूरी बिल्डिंग का निरीक्षण किया। समस्याओं को नजदीक से देखने के बाद उन्होंने दूर करने का निर्देश दिया।
प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक ने कहा कि अक्सर शिकायत मिलती थी कि शव को चूहे-छछूंदर क्षतिग्रस्त कर देते हैं। इससे पोस्टमार्टम के समय इंजरी के मिलान में भी समस्या आती थी। ऐसे में शव को सुरक्षित रखना कई मायने में जरूरी है।
एसआईसी ने निरीक्षण के दौरान देखा कि शव रखने वाले कमरे के साथ ही आसपास के इलाकों में फैली गंदगी फैली है। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया कि मर्चरी हाउस में शव रखने की उत्तम व्यवस्था होनी चाहिए। साथ आए लोगों के लिए बैठने के साथ ही फ्रीजर सहित बाहरी हिस्से में साफ-सफाई होनी चाहिए। किसी भी समय कोई शव लेकर आए तो उसे किसी भी प्रकार की समस्या नहीं होनी चाहिए। अगर उन्हें समस्या होती है तो संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने कहा कि लोगों से तमाम शिकायतें मिलती हैं कि मर्चरी हाउस में बहुत गंदगी रहती है और कभी-कभी शव में कीड़े पड़ जाते हैं। अगर ऐसा है तो गंभीर चितन का विषय है, क्योंकि किसी के मरने के बार परिवार के लोग पहले से ही दुखी रहते हैं और अगर हमारी दुर्व्यवस्था से उन्हें दुख पहुंचे तो यह अच्छी बात नहीं है। इसलिए व्यवस्था चाक चैबंद होनी चाहिए। शव को किसी तरह की क्षति न पहुंचे इसके लिए जल्द ही स्थाई स्चेटरनुमा प्लेटफार्म का निर्माण कराया जाएगा।
BY Ra vijay singh