विजय शंकर यादव पुत्र स्वर्गीय रमाकांत यादव का कहना है कि उसके पिता तीन भाई थे कुछ वर्ष पूर्व मेरे पिता की मौत हो गई इसके बाद मेरा सगा छोटा भाई मेरे दादा को अपने वश में कर लिया और उन्हें लेकर हरियाणा चला गया 2 वर्ष पूर्व विजय शंकर का भाई अपने दादा कोमल यादव को लेकर जिला मुख्यालय पर आया और उनके नाम दर्ज कुछ खेत चोरी-छिपे दूसरे को बैनामा कर दिया। इसके बाद दादा और भाई दोनों वापस चले गए। इस बात की जानकारी होने पर लापता कोमल यादव के दोनों पुत्र उमाकांत और शिवाकांत अपने मृत भाई के पुत्र विजय शंकर के साथ बुजुर्ग की तलाश में निकले लेकिन कहीं पता नहीं चला इस संबंध में थाने से लगायत जिला अधिकारी तक से शिकायत दर्ज कराई गई लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई इसी बीच फोरलेन सड़क निर्माण में अधिग्रहित की गई भूमि के एवज में कोमल यादव के नाम एक करोड़ 3600000 रुपए से ज्यादा की रकम उनके खाते में भेजने की तैयारी है दादा को छुपा कर रखा भाई संबंधित विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों से मिलकर मुआवजे की रकम को बंदरबांट करने की जुगत में लगे हैं। हम लोगों की कहीं सुनवाई नहीं हो रही। ऐसे में शासन व प्रशासन का ध्यान आकृष्ट कराने के लिए हमारे पास आत्मदाह के अलावा कोई चारा नहीं बचा है।
आजमगढ़ से रणविजय सिंह की रिपोर्ट …