आजमगढ़ में 22 क्षेत्र पंचायत अध्यक्ष सीटें हैं। वर्तमान में बीजेपी के पास मात्र तीन ब्लाक प्रमुख हैं। बाकि सीटों पर सपा-बसपा का कब्जा है। वहीं जिला पंचायत अध्यक्ष पद भी सपा के पास है। भाजपा का इन चुनावों में प्रदर्शन कभी अच्छा नहीं रहा है लेकिन इस बार पार्टी पूरी रणनीति के साथ मैदान में उतरना चाहती है।
पंचायत चुनाव के जरिये भाजपा एक तीर से दो शिकार करने की कोशिश में है। एक तो यदि पार्टी बीडीसी चुनाव में जाती है तो पार्टी के बूथ स्तर तक के कार्यकर्ताओं को चुनाव लड़ने का मौका मिल जाएगा। इससे कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ेगा और उनके साथ छोड़ने का खतरा भी कम होगा। दूसरा जब सदस्य अधिक संख्या में जीतकर आएंगे तो पार्टी आसानी से क्षेत्र पंचायत में बहुमत हासिल कर सकेगी। भाजपा के वरिष्ठ पदाधिकारियों के मुताबिक बीडीसी चुनाव में पार्टी जाए या नहीं इस मुद्दे पर फैसला जल्द लिया जाएगा।
बता दें कि पार्टी ने पंचायत चुनाव में अभी तक सिर्फ जिला पंचायत सदस्य के पदों पर पार्टी समर्थित प्रत्याशी उतारने का फैसला किया है। हर जिले में जिला पंचायत सदस्यों को अच्छी संख्या में जिताने के बाद पार्टी जिला पंचायत अध्यक्ष की सीटों को जीतने की कोशिश करेगी। पार्टी जिला पंचायत सदस्य चुनाव के माध्यम जिले के 86 कार्यकर्ताओं को समायोजित करने का खाका खींच चुकी है। जिला पंचायत सदस्य चुनाव के लिए जोर शोर से पार्टी तैयारियां भी चल रही हैं लेकिन कार्यकर्ता चाहते हैं कि पार्टी 2134 क्षेत्र पंचायत सदस्य सीटों पर भी चुनाव लड़े। अपने स्तर पर पार्टी के संभावित दावेदार पोस्टरवार भी शुरू कर दिये है। यह बात पार्टी आलाकमान तक पहुंच चुकी है। सूत्रों की माने तो एक दो दिन में इस संबंध में निर्णय आ जाएगा।
BY Ran vijay singh