सेवा अधिकरण के निर्णय के विरूद्ध सर्वोच्च न्यायालय में ही वाद प्रस्तुत किया जा सकता है। श्री ठकुराई ने बताया कि इस सेवा अधिकरण से शीघ्र न्याय मिलने की संभावना शून्य है। ऐसी स्थिति में शिक्षक संघर्षों से अद्दजत अधिनियम, चयन बोर्ड और वेतन वितरण अधिनियम की सेवा सुरक्षा खतरे में पड़ जाएगी। उन्होंने कहा कि इस संबंध में अभी तक किसी भी शिक्षक एमलएसी ने इस विधेयक का विरोध नहीं किया है। बैठक की अध्यक्षता जिलाध्यक्ष दीनानाथ चौबे ने किया। इस अवसर पर प्रदेश उपाध्यक्ष गोविद दयाल सिंह, अबू मोहम्मद, अनिल श्रीवास्तव, अमित श्रीवास्तव, श्रीशचंद पांडेय व अनिल कुमार चतर्वेदी सहित आदि उपस्थित थे।
By Ran Vijay Singh