वर्ष 2008 के सितंबर महीने में दिल्ली के बटला हाउस एनकाउंटर के बाद देश के कई स्थानों पर हुए सीरियल बम ब्लास्ट के मामले में एनआईए टीम ने जनपद के कुल 21 संदिग्ध युवकों को चिन्हित किया था। चिन्हित किए गए युवकों में मोहम्मद खालिद, साजिद, डॉ शहनवाज उर्फ मिस्टर, शादाब बेग, अबू राशिद व वसीक बिल्ला आदि अभी भी फरार चल रहे हैं। एनआईए व दिल्ली पुलिस की ओर से इन फरार युवकों पर 10-10 लाख रुपये का इनाम घोषित है।
एनआईए के अनुसार फरार चल रहे आतंकियों में शादाब बेग, मोहम्मद खालिद व जुनैद आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिद्दीन से नाता तोड़कर आईएस से जुड़ चुके हैं। एनआईए के अनुसार इन आतंकियों ने अफगानिस्तान में संचालित आतंकी कैंपों से प्रशिक्षण प्राप्त कर सीरिया जैसे युद्धग्रस्त देश की ओर अपना रुख कर लिया। इंटरपोल की मदद से लगभग आठ माह पूर्व फरार आतंकी जुनैद को नेपाल में गिरफ्तार किया गया था।
एनआईए को विश्वसनीय सूत्रों से जानकारी मिली कि यह आतंकी पश्चिमी जनपदों के जरिए दिल्ली में घुसपैठ करने का मन बना चुके हैं। जनपद से फरार आतंकी पश्चिम के जिलों में अपना नेटवर्क तेजी से मजबूत कर रहे हैं ताकि उन्हें छिपकर अपने काम को अंजाम देने में सहूलियत मिल सके। हाल के दिनों में मेरठ, अमरोहा और हापुड़ जनपदों में पकडे गए आतंकियों से एनआईए द्वारा की गई पूछताछ के बाद टीम को पुख्ता प्रमाण मिले हैं कि उनका कनेक्शन आजमगढ़ के आतंकियों से है। ऐसे में खुफिया जांच एजेंसियों के कान खड़े हो गए हैं। राष्ट्रीय जांच एजेंसी के साथ ही अन्य एजेंसियों को भी सतर्क कर दिया गया है। कुंभ मेले के मद्देनजर जांच एजेंसी या कोई कोर-कसर नहीं छोड़ना चाहती। ऐसे में जांच एजेंसियों की निगाह में आजमगढ़ एक बार फिर आ गया है। वहीं फरार घोषित आतंकियों के परिजनों के माथे पर एक बार फिर बल पड़ गया है। एनआईए के जांच की आंच से एक बार फिर आजमगढ़ जनपद गरमा गया है।
BY- RANVIJAY SINGH