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आजमगढ़

नकल माफिया का कारनामा, झाड़ियों को स्कूल बताकर ली मान्यता, छात्रों की दिलवा रहे परीक्षा

61 विद्यालयों में पश्चिम उत्तर प्रदेश के छात्रों का नामाकंन कर दिलायी जा रही बोर्ड परीक्षा। डीएम की जांच में हुआ खुलासा, मान्यता प्रत्याहरण की होगी कार्रवाई।

आजमगढ़Feb 27, 2020 / 02:50 pm

रफतउद्दीन फरीद

UP Board Exam 2020

यूपी बोर्ड परीक्षा 2020

आजमगढ़. योगी सरकार के नकलविहीन परीक्षा के दावे की पूर्व सीएम अखिलेश यादव के संसदीय क्षेत्र में नकल माफिया खुलकर खिल्ली उड़ा रहे है। चंद दिन पूर्व सात मुन्ना भाइयों की गिरफ्तारी के बाद अभी शिक्षा विभाग ने राहत की सांस भी नहीं ली थी कि जिलाधिकारी की जांच में एक ऐसा खुलासा हो गया जिसने पूरे सिस्टम पर ही सवाल खड़ा कर दिया है। जिले में 500 से अधिक ऐसे परीक्षार्थी पाए गए जो पश्चिमी उत्तर प्रदेश के है। यहीं नहीं ऐसे विद्यालयों का भी खुलासा हो गया जो सिर्फ कागज पर संचालित है और ऐसे परीक्षार्थियों को गलत ढंग से परीक्षा दिलाकर डिग्री दिला रहे है। डीएम ने तो यहां तक दावा किया है कि एक विद्यालय जहां संचालित बताकर मान्यता दी गयी है वहां सिर्फ झाड़ है मौके पर एक भी भवन नहीं है। ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि नकल माफिया किस हद तक हावी है। जिलाधिकारी ने ऐसे 61 विद्यालयों के खिलाफ कारण बताओ नोटिस और मान्यता प्रत्याहरण के निर्देश दिये है।


बता दें कि जिले में 280 परीक्षा केंद्रों पर माध्यमिक शिक्षा परिषद की बोर्ड परीक्षा संचालित है। शिक्षा विभाग द्वारा नकल विहीन परीक्षा को लेकर बड़े बड़े दावे किये जा रहे हैं लेकिन हकीकत सामने है। शनिवार को जहानागंज के हरिहर दास इंटर कालेज शेरपुर में सात आईटीआई के छात्र दूसरे के स्थान पर परीक्षा देते पकड़े गए थे। सभी आरोपी छात्रों को जेल भेज दिया गया था। इसके बाद सीएम के ट्वीटर एकाउंट पर मां शारदा इटर कालेज तरवां के केंद्र व्यवस्थापक के खिलाफ सुविधा शुल्क मांगने की शिकायत हुई थी। जिसपर केंद्र व्यवस्थापक को हटा दिया गया है।


अब जिलाधिकारी की जांच में नया खुलासा हुआ है। डीएम ने गौरी शंकर इंका जहानागंज का निरीक्षण किया तो वहां परीक्षार्थियों को देखकर उन्हें शक हुआ। इसके बाद जब उन्होंने अपने स्तर पर जांच शुरू की तो पता चला कि जिले में करीब 61 विद्यालय ऐसे है जिन्होंने बाहरी छात्रों का नामाकंन कर परीक्षा दिला रहे है। इसमें सर्वाधिक छात्र पश्चिमी उत्तर प्रदेश के है और उनका 75 प्रतिशत तक उपस्थिति भी दर्ज की गयी है। जबकि जांच में पता चला कि छात्र कभी विद्यालय आये ही नहीं है। आधार कार्ड की जांच में इस तरह के करीब 500 छात्र पाए गए हैं। इस खुलासे से हड़कंप मचा हुआ है वहीं परीक्षा की सुचिता की पोल भी खुल गयी है। डीएम ने डीआइओएस डा. वीके शर्मा को निर्देश दिया कि संबंधित 61 विद्यालयों को कारण बताओ नोटिस जारी करें। उन विद्यालयों में पंजीकृत पश्चिमी उत्तर प्रदेश एवं प्रदेश के बाहर के छात्रों के बारे में छात्र उपस्थित पंजिका से यह पता करें कि छात्रों की कितने फीसद उपस्थिति है, छात्र कहां रहते हैं। इस संबंध में नौ से 25 मार्च के अंदर रिपोर्ट बनाकर उपलब्ध करे।

 

जिन विद्यालयों से सूचनाएं संतोषजनक नहीं प्राप्त होती हैं। उन विद्यालयों की जांच आख्या के आधार पर विद्यालय की मान्यता समाप्त करने के संबंध में तत्काल कार्रवाई करे। मान्यता प्रदान करने के लिए उत्तरदायी अधिकारी एवं कर्मचारी के विरुद्ध भी नियमानुसार कार्रवाई का प्रस्ताव प्रस्तुत करें।

By Ran Vijay Singh

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