बता दें कि सीएम योगी आदित्यनाथ ने वर्ष 2019 के विधानसभा चुनाव के ठीक पहले जिले में विश्वविद्यालय की घोषणा की थी। विश्वविद्यालय के लिए भूमि की तलाश भी शुरू हो गयी है। अब सरकार ने बजट में विश्वविद्यालय की घोषणा कर युवाओं को साधने का पूरा प्रयास किया है। वहीं सरकार के इस फैसले ने सपा को भी बैकफुट पर कर दिया है। कारण कि वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव में अखिलेश यादव ने आजमगढ़ में विश्वविद्यालय स्थापना का वादा कर दस में से नौ सीटों पर जीत हासिल की थी लेकिन उन्होंने विश्वविद्यालय बलिया को दे दिया था। इसके बाद लोग लगातार आंदोलन कर रहे थे कि योगी सरकार ने मौके को भुनाते हुए चुनावी माहौल को देखते हुए सदन से विश्वविद्यालय की घोषणा कर दी थी। अब सरकार ने लोगों की उम्मीद को परवान चढ़ा दिया है। वहीं सरकार ने मेडिकल कालेज को 97 करोड़ देकर स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार के लिए बड़ा कदम उठाया है लेकिन कुछ मामलों में आम आदमी को निराशा मिली है।
खासतौर पर साड़ी और पाटरी उद्योग से जुड़े लोगों को। बुनकर और कुम्हारों को उम्मीद थी कि सरकार इन उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए बड़े पैकेज का एलान करेगी। कारण कि दोनों को ही सरकार ने एक जनपद एक उत्पाद में शामिल किया था। बुनकर इलियास, मुस्तकीम का कहना है कि बुनकरों की हालत दिन प्रतिदिन बदतर होती जा रही है। हमें उम्मीद थी कि सरकार स्थिति में सुधार के लिए कुछ अलग करेगी लेकिन सरकार ने हमें निराश किया है। पाटरी उद्योग से जुड़े महेंद्र, संतोष कुमार, सीताराम आदि का कहना है कि पूर्व में सरकार ने पाटरी को बढ़वा देने के लिए काम किया है लेकिन हाल के समय में कुम्हार मिट्टी से लेकर तमाम समस्याओं से जूझ रहे हैं। हमें उम्मीद थी कि सरकार विशेष पैकजे देने के साथ ही कुम्हारों को उचित समय पर मिट्टी तथा आयात निर्यात की व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए कुछ प्राविधान जरूर करेगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
By Ran Vijay singh