बता दें कि पूर्वांचल की लाइफलाइन कहा जा रहा पूर्वांचल एक्सवप्रेस-वे लखनऊ के चांद सराय से गाजीपुर के हैदरिया तक 340 किमी लंबा है। छह लेन के पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का लगभग 84 किमी हिस्सा जनपद आजमगढ़ से होकर गुजर रहा है। ये जनपद में फूलपुर के खंडौरा से प्रवेश करता है और सदर तहसील के केरमा गांव से मऊ जनपद में प्रवेश कर जाता है। परियोजना के लिए कुल 1020.83 हेक्टेयर भूमि की आवश्यकता थी। इसमें 112.66 हेक्टेयर भूमि ग्राम समाज और सरकारी थी। इसमें ग्राम समाज की भूमि के लिए 39.97 करोड़ रुपये उसके खाते में जमा कराए जा चुके हैं। इसके अलावा निर्माण शुरू होने के बाद 11 हेक्टेयर भूमि अतिरिक्त ली गई है। जनपद में परियोजना का कार्य तीन पैकेज 5, 6, 7 में हो रहा है।
पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे की लागत 22494.66 करोड़ रूपये निर्धारित है। मुख्यमंत्री ने एक्सप्रेस-वे के मुख्य कैरिज पर अप्रैल माह में यातायात शुरू करने की घोषणा की है। अब तक 80 प्रतिशत कार्य पूरा का चुका है। एक्सप्रेस-वे के चालू होने से यहां के लोगों के लिए लखनऊ और दिल्ली तक जाने के लिए न सिर्फ नया विकल्प होगा बल्कि दूरी भी कम हो जाएगी। यहीं नहीं पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के किनारे औद्योगिक कारीडोर बनने से रोजगार के अवसर बढ़ेगे।
इसी तरह पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे से गोरखपुर को जोड़ने के लिए लिंक एक्सप्रेस-वे बनाया जा रहा है। 5876.67 करोड़ की लागत से इसका निर्माण हो रहा है। यह लिंक एक्सप्रेस-वे जनपद के फूलपुर के दो गांव और बूढ़नपुर के 39 गांव से होकर गुजारा है। इसकी अनुमानित लंबाई 91.35 किमी है। सरकार ने दोनो ही योजनाओं के लिए बजट में धन की व्यवस्था की है। इससे निर्धारित समय पर काम पूरा होने की उम्मीद जगी है। भाजपा जिला महामंत्री ब्रजेश यादव का कहना है कि दोनों परियोजनाओं के पूरा होने पर बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा। यह एक्सप्रेस-वे पूर्वांचल के विकास में महत्वपूर्ण साबित होगा।
BY Ran vijay singh