ताजा मामला जहानागंज ब्लाक के पटहुआ ग्राम सभा का है। इस ग्रामसभा को जून 2018 में ही ओडिएफ धोषित कर दिया गया। नियामानुसार गांव ओडिएफ तक होता है जब हर घर में शौचालय बन गया हो। सरकार शौचालय के लिए बाकायदा 12 हजार रूपये की सहायता भी दे रही है। जिन्हें पैसा मिला है वे शौचालय बनवा भी रहे है। जब इस गांव को ओडिएफ किया गया तो प्रधान सेक्रेटरी से लेकर ब्लाक तक के अधिकारी वाहवाही लूट लिए लेकिन गांव में आधा दर्जन से अधिक लोगों के पास शौचालय है ही नहीं।
इस राज से पर्दा तब हटा जब लोगों ने इसकी शिकायत की। इसके बाद भी प्रधान और सकेंटरी यह दावा करते रहे कि उनका गांव ओडिएफ हो चुका है और किसी शौचालय की जरूरत ही नहीं है लेकिन गर्दन फंसती देख आधा दर्जन लोगों का नाम शौचालय के लिए भेज दिया गया। चार दिन पूर्व यहां नोडल अधिकारी पहुंचे और जांच किया तो पता चला कि उक्त लोगों को शौचालय का पैसा मिला ही नहीं है। जब उन्होंने प्रधान से पूछा कि जब शौचालय बना नही ंतो गांव ओडिएफ कैसे हो गया। इसका कोई जवाब प्रधान के पास नहीं है। इस तरह की अनियमितता तमाम गांवों में की गयी है गांव के लोग शिकायत की कर रहे हैं लेकिन उनकी बात सुनने के लिए कोई तैयार ही नहीं है।
By Ran Vijay Singh