गोविन्द दूबे ने कहा कि एससी-एसटी एक्ट पर सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के विरूद्ध केन्द्र सरकार द्वारा लोकसभा में अध्यादेश लाने से सभी सवर्ण समाज के लोग परेशान है। सरकार ने अपने फैसले से सामाजिक समरसता पर चोट पहुंचाने का काम किया है। जिसका मंच घोर निन्दा करता है। ऐसे कानून से समाज में जातिगत भेदभाव की भावना को बढ़ावा मिलेगा।
विवेक पाण्डेय ने एससी-एसटी एक्ट को सवर्णो के लिए काला कानून बताते हुए कहा कि इस कानून के प्रभावी होने से इसका दुरूपयोग काफी बढ़ जायेगा और अपने निजी स्वार्थ के लिए किसी भी निर्दोष को साजिश के तहत फंसाकर कानून के साथ खिलवाड़ किया जायेगा। जिसके कारण भारतीय कानून की गरिमा पर भी चोट पहुंचेगा।
रजनीश राय एवं जितेन्द्र प्रताप सिंह ने कहा कि इस एक्ट के प्रभावी होने से समाज के एक वर्ग का उत्पीड़न बढ़ेगा। ऐसे में एक्ट में संशोधन की नितांत आवश्यकता है ताकि समय रहते समाज को टूटने से बचाया जा सके और सामाजिक समरसता, अखंडता कायम रह सके। अंत में मंच के पदाधिकारियों ने जातिगत संघर्षों को बढ़ावा देने वाले कानून का विरोध करते हुए एससी एसटी एक्ट में तत्काल संशोधन कर एक देश-एक कानून की पुरजोर मांग की।
इस अवसर पर प्रिंस सिंह, आशीष पाण्डेय, सोमू सिंह, रविप्रताप सिंह, अभयानंद पाण्डेय बजरंग सिंह, रतन पाण्डेय, आकाश मिश्रा, शशांक तिवारी, कुंदन सिंह, अमित सिंह, कुंवर रणविजय सिंह, विनोद श्रीवास्तव, प्रशांत सिंह, शिवाकांत पाण्डेय, सौरभ पाण्डेय आदि मौजूद रहे।
BY- RANVIJAY SINGH