यह मामला ठेकमां विकास खंड के ग्राम पंचायत मैनपुर का यह मामला है। आरोप यह भी है कि गांव के प्रधान खुद अपने सगे भाई, अपने सहयोगी परिवार के नाम भी जॉब कार्ड बनवाए हैं। यही नहीं विद्यालय में पढ़ने वाले छात्रों का भी जॉब कार्ड बनाकर भुगतान लिया जा रहा है। गांव के सचिन यादव पुत्र राधेश्याम यादव राजकीय पालीटेक्निक, हरदोई में छात्र हैं। परविदर पुत्र केदार गांधी त्रिवेणी स्मारक महाविद्यालय बरदह में बीए का छात्र है। मनीषा पुत्र रामफेर, संदीप पुत्र अखिलेश, मोनू पुत्र भगवान दास भी बीए के छात्र हैं। इनके नाम भी जॉब कार्ड बनवाकर भुगतान किया गया है। लाल बाबू के आवासीय भवन से रामसुख राम के घर तक कथित खड़ंजा कार्य 23 हजार रुपये में होना दिखाया गया है, लेकिन यहां भी कोई कार्य नहीं हुआ है। इसकी शिकायत जब श्यामबिहारी यादव ने जिलाधिकारी से की तो उन्होंने तीन सदस्यीय कमेटी गठित कर जांच करने का निर्देश सीडीओ को दिया है।
मुख्य विकास अधिकारी डीएस उपाध्याय ने बताया कि तीन सदस्यीय टीम गठित कर दी गई है। इसमें जिला कृषि अधिकारी, तहसीलदार मार्टीनगंज, आरईएस के जेई मार्टीनगंज को शामिल किया है। जांच रिपोर्ट आते ही दोषी के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। डीसी मनरेगा बीबी सिंह का कहना है कि गांव में आचार संहिता लगने के बाद भी कार्य हो रहा था। बीडीओ को भेजकर कार्य रोकवाया गया था। तमाम शिकायतें ग्राम पंचायत की हैं। जल्द ही जांच प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। किसी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। ग्राम प्रधान मुकेश यादव का कहना है कि मनरेगा से कार्य हुए हैं। चरागाह की जमीन पर श्याम बिहारी यादव कब्जा किए थे। हाईकोर्ट में मामला चल रहा था। उसे खाली करा दिया गया है। इसकी वजह से वह बेबुनियाद आरोप लगा रहे हैं। ग्राम पंचायत में कोई भी गबन नहीं किया गया है। सब काम सही हुआ है।