विजयादशमी के दिन महिलाएं देवारा विकास सेवा समिति के बैनर तले रामचंद्र निषाद के नेतृत्व विरोध प्रदर्शन किया। कहा कि दियारा के चिकनहनवाँ में 15 वर्षों से बने अर्धनिर्मित पुल का निर्माण पूरा न होने से बाढ़ के दिनों मे परेशानी तो होती ही है परन्तु असली मुसीबत उस वक्त होती है ज़ब बाढ़ का पानी कुछ उतर जाता है और नाव नहीं चल पाती है। ऐसे मे बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करने के लिए बंधे पर आने वाली महिलाओं को घुटने भर पानी मे लाजोहाया को ताक पर रखकर पहने वस्त्रों कों घुटने तक उठाकर बंधे पर आना पडता है। समाज को कलंकित करने वाले कुछ असामाजिक तत्व उनकी इस दशा का मज़ाक उड़ाते है।
कई बार मांग की गयी लेकिन आज तक पुल का निर्माण पूरा नहीं हुआ। अगर पुल का निर्माण हो जाता तो उन्हेें यह जलालत नहीं झेलनी पड़ती। सरकार को सद्बुद्धि आए और पुल का निर्माण पूरा हो इसके लिए महिलाओं ने सार्वजनिक रूप से देवी मांग का धार चढ़ाकर प्रार्थना की। वहीं देवारा विकास सेवा समिति के अध्यक्ष राम केदार यादव ने निर्माण पूरा न होने कि दशा मे आने वाले दिनों मे बड़े आंदोलन की चेतावनी दी। ब्लाक प्रमुख प्रतिनिधि पारसनाथ यादव ने पुल के निर्माण का बीड़ा उठाते हुए क्षेत्र वासियों की समस्या के निदान की बात कही। इस अवसर पर महासचिव मोहित मौर्य, रामदुलार यादव, लाली देवी, सुभावती, सुशीला देवी, छोहाड़ी देवी, हीरावत, शारदा, कुमारी देवी, पुष्पा देवी, भागीरथी, सावित्री, लीलावती व सीतादेवी आदि महिलाएं उपस्थित थी।