गन्ना व धान की मुख्य फसलों को नदी ने काटकर वीरान बना दिया है। जो पेड़-पौधे लगे थे वह भी घाघरा में समा गये। किसान परेशान हैं। उनका कोई पुरूषाहाल नहीं है। प्रदेश की सरकार संवेदनशून्य हो गयी है। योगी जी का किसानों, बेरोजगारों व गरीबों से कोई लेना-देना नहीं है। किसान एक तरफ मंहगी बिजली, मंहगे डीजल व मंहगी खाद से त्रस्त हैं। दूसरी तरफ बाढ़ की भयंकर मार से उसका सब कुछ चला गया लेकिन सरकार बाढ़ के बारे में कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है। बाढ़ विभाग धन के अभाव में अपने हाथ खड़े कर लिये है।
सरकार के धन न उपलब्ध कराने के कारण प्रशासन वहां लाचार पड़ा है। मनरेगा धन का दुरूपयोग हो रहा है। वहां के किसान सतिराम प्रकाश यादव, रामराज, बलराम, सुबाष सिंह, रामनाथ साहनी, रामलाल सिंह, भजुराम पटेल, राजदेव यादव ने बताया कि हम लोगों की सम्पूर्ण फसल गन्ना व धान नदी में चली गयी। हम लोगों को जीने का कोई सहारा नहीं रह गया। सरकार बाढ़ को गंभीरता से और किसानों के नुकसान की भरपाई करे। किसानों के मुद्दे पर समाजवादी पार्टी चुप नहीं बैठेगी। जरूरत पड़ी तो पार्टी बड़ा आंदोलन खड़ा करेगी। इस दौरान जयराम सिंह पटेल, रामाश्रय राय चेयरमैन, भजुराम पटेल, शिवसागर यादव, राजेश यादव, प्रधान लाटघाट सोनू सोनकर, संदीप पटेल, हरिनरायन यादव, रामशब्द यादव आदि मौजूद थे।