मंत्री ने ग्रामीणों की शिकायत पर किया गांवों का दौैरा, अब तक 26 करोड़ हो चुके हैं खर्च, 177 गांवों में चल रही है योजना
बड़वानी•Jun 22, 2021 / 11:30 am•
vishal yadav
cabinet minister inspected tap water scheme
बड़वानी. जिले के करीब 177 गांवों में चल रही नलजल योजना में गड़बड़ी की सारी हदें पार हो चुकी है। इसका खुलासा सोमवार को हुआ जब ग्रामीणों की शिकायत पर कैबिनेट मंत्री प्रेमसिंह पटेल और कलेक्टर शिवराजसिंह वर्मा ने गांवों का दौरान कर नलजल योजना की हकीकत जानी। उन्होंने मौके पर ही एसडीएम घनश्याम धनगर से पाइप लाइन की नपती तक करवा दी। इसमें भी भारी भ्रष्टाचार देखने को मिला 90 सेमी की जगह 60 सेमी या उससे भी कम पाइप जमीन में दबाएं गए थे। योजना के तहत ग्रामीणों को घर-घर नल लगवाकर पानी पहुंचाने की कवायद की जा रही है, लेकिन इस योजना में जिम्मेदार विभाग लापरवाही का पलीता लगाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा। अभी तक योजना पर 26 करोड़ रुपए खर्च किए है। कई जगह पाइप सतह पर ही दिखाई दिए। वहीं जगह-जगह पाइप भी टूटें थे।
सोमवार को मंत्री और कलेक्टर के दौरे पर योजना में हुए भ्रष्टाचार का खुलासा हुआ तो मंत्री ने पीएचई के अधिकारी और निर्माण एजेंसी के ठेकेदार को जमकर फटकार लगाई। साथ ही तय मापदंडों के अनुसार काम करने की हिदायत दे डाली। कैबिनेट मंत्री प्रेमसिंह पटेल ग्रामीणों की शिकायत पर गांव चिकल्यामलान एवं बरूखोदरा पहुंचे। जहां उन्होंने पीएचई विभाग द्वारा नल-जल योजना के तहत करवाए जा रहे कार्यों का आकस्मिक निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने डाले हुए पाईप की गहराई की जांच एसडीएम से करवाई। पाइपलाइन निर्धारित गहराई की अपेक्षा सतह पर पाई जाने पर उन्होंने नाराजगी व्यक्त करते हुए मौके पर ही मौजूद कलेक्टर को पीएचई विभाग द्वारा करवाए जा रहे सभी कार्यों की विस्तृत जांच करवाकर दोषियों पर कठोर कार्रवाई करने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने भी ग्रामीणों से चर्चा कर विस्तृत जानकारी प्राप्त कर मौके पर मौजूदगी पीएचई विभाग के कार्यपालन यंत्री एचएस बामनिया को सख्त लहजे में आदेशित किया कि वे बिना परीक्षण के इन कार्यों का भुगतान संबंधित ठेकेदार को नहीं करेंगे। वरना राशि की वसूली उनसे की जाएगी। एसडीएम को भी निर्देशित किया कि नल-जल योजना से संबंधित जितनी भी शिकायतें ग्रामीणों से प्राप्त हुई है, उनका विस्तृत निरीक्षण राजस्व अमले की उपस्थिति में कराकर प्रतिवेदन प्रस्तुत करें, जिससे दोषियों पर कठोर कार्रवाई की जाए।
हल-बख्कर चलाते समय आती है परेशानी
जिले के करीब 177 गांवों में नल-जल योजना चल रही है। वहीं ठेकेदार द्वारा योजना के नाम पर की जा रही लीपापोती से योजना का उद्देश्य साकार होना मुश्किल दिखाई दे रहा है। मंत्री ग्रामीणों की शिकायत पर गांव में चल रही योजना की जांच करने पहुंचे। इस दौरान कैबिनेट मंत्री और कलेक्टर ने पैदल चलकर योजना की वास्तविक स्थिति जानी। ग्रामीणों ने बताया कि खेतों में बुआई के लिए हल-ब कर चलाते समय पाइप लाइन परेशानी खड़ी करती है। 2 जून को कलेक्टर ने लोक स्वास्थ्य विभाग यांत्रिकी वि ााग के प्रमुख सचिव को योजना में लापरवाही बरतने पर संबंधित ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई के लिए पत्र लिखा था, लेकिन अभी तक पत्र का कोई जवाब नहीं आया।
वर्जन…
प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री की नल-जल योजना के काम में हो रही गड़बड़ी की ग्रामीणों से शिकायतें मिल रही थी। इसके बाद कलेक्टर के साथ गांवों का दौरा कर स्थिति जानी। अधिकारी और ठेकेदार द्वारा नल-जल योजना में घटिया काम किया जा रहा है। इसमें हकीकत सामने आई है। दोनों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे। साथ ही एफआईआर ाी दर्ज करवाई जाएगी। आखिर योजना बहुत महत्वपूर्ण है।
-प्रेमसिंह पटेल, कैबिनेट मंत्री
100 से अधिक पंचायतों में नल-जल योजना का काम चल रहा है। ठेकेदार को 90 सेमी तक पाइप डालने थे, लेकिन ऐसा नहीं किया जा रहा। लगातार ग्रामीणों की शिकायतें मिल रही थी। जिसके बाद कैबिनेट मंत्री के साथ दो गांवों का भ्रमण किया था। जहां पाइप लाइन सतह पर ही डाल रखे हैं। पीएचई अधिकारी को कई बार निर्देश दिए है कि घटिया कामों को सुधार करवाया जाए, लेकिन ऐसा नहीं हुआ है। दोषी अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई के लिए विभाग को पत्र लिखूंगा।
-शिवराजसिंह वर्मा, कलेक्टर
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