उन्होंने कहा कि आज तकनीक बहुत विकसित हो गयी है। जिससे हर क्षेत्र में बदलाव आ रहा है। 19वीं सदी में सबसे ज्यादा आविष्कार हुए हैं। इस बदलाव से मॉनव जीवन का समन्वय भी दुष्कर हुआ है। प्राकृतिक संसाधनों के अंधाधुंध दोहन से वातावरण में असंतुलन आ गया है। उन्होंने छात्र छात्राओं से कठिन परिश्रम और लगन से अपने निर्धारित लक्ष्य को प्राप्त करने का आहवान किया।
इस दौरान उन्होंने करियर सम्बंधी छात्र छात्राओं के सवालों के भी जवाब दिए और अर्द्ध सैनिक बलों में करियर बनाने की भी अपील की। इस अवसर पर स्कूल संस्थापक प्रो.बलजीत सिंह आर्य ने आईजी को शाल, स्मृति चिंह व वैदिक साहित्य भेंटकर सम्मानित किया। इस अवसर पर स्कूल की छात्राओं ने सरस्वती वंदना, स्वागत गीत व देशभक्ति पर आधारित नाटक की प्रस्तुति दी। रविंद्र कुमार के संचालन व सुखबीर गठीना की अध्यक्षता में हुई गोष्ठी में आरएएफ 108 मेरठ के कमांडेंट शैलेंद्र कुमार, डॉ.सुनील आर्य, प्रधानाचार्य डॉ. राजीव खोखर, तनु सिरोही, बीना यादव, प्रो.ओमपाल सिंह, उपप्रधानाचार्य डॉ. सुशील वत्स, विनोद खेडा, सुबोध राणा, राजू तोमर, ब्रजमोहन शाश्त्री, कृष्णपाल सिंह बुढेडा, पीतम सिंह, पप्पी धामा आदि मौजूद रहे।