आयोग से की थी शिकायत आरटीआई कार्यकर्ता एडवोकेट पवन तिवारी ने कहा कि जिला अस्पताल में व्यवस्थाओं के नाम पर लोगों को केवल ठेंगा मिल रहा है। रिश्वत लेकर लोगों का उपचार करने के आरोप लग रहे हैं। पीने के पानी तक के लिए लोग परेशान रहते हैं। अग्निशमन उपकरण की कोई समुचित व्यवस्था नहीं है। अगर आग लग जाए तो हाथ मलने के अलावा कुछ नहीं कर पाएंगे। पवन तिवारी ने मनवाधिकार आयोग में अग्निशमन यंत्रों के संबंध में शिकायत की थी। इसके बाद आयोग ने डीएम से फायर उपकरण के संबंध में चार सप्ताह में रिपोर्ट मांगी है।
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