मिड डे मील सहायक कमल कटारिया ने बताया कि बालकों को वितरित किए जाने वाले गेहंू व चावल में चावल की मात्रा एक तिहाई होगी। कक्षा 1 से 5 तक के विद्यार्थियों को नवम्बर व दिसम्बर का 3 किलो 800 ग्राम व कक्षा 6 से 8 तक के विद्यार्थी को 5 किलो 700 ग्राम गेहूं-चावल दिया जाएगा। ग्राम पंचायत स्तर पर संचालित विद्यालयों में पीईईओ एवं शहरी क्षेत्र के विद्यालयों में ब्लॉक शिक्षा अधिकारी अपने अपने क्षेत्र के विद्यालयों में अध्यनरत पात्र विद्यार्थियों के अभिभावकों को वितरण कराएंगे। संस्था प्रधान अभिभावकों को खाद्यान्न वितरण की सूचना देंगे। जिससे वितरण में असुविधा नहीं हो।
163 स्कूलों में 103196 बालक नामांकित
सूखा राशन वितरण स्कूलों के संस्था प्रधान, मिड डे मील प्रभारी व अन्य शिक्षक की समिति के माध्यम से स्कूल परिसर में किया जाएगा। स्कूलों में नामांकन के अनुरूप खाद्यान्न की आपूर्ति जिला रसद विभाग की ओर से की जा रही है। इस क्षेत्र के 163 विद्यालयों में सितम्बर तक 10316 बालक पंजीकृत है। इसके बाद नामांकित बालकों को भी खाद्यान्न वितरित किया जाएगा। वैश्विक महामारी कोरोना के चलते स्कूल बंद होने के दौरान भी छात्रों को पोषाहार योजना का लाभ मिलता रहे इसके लिए पहले चरण में जून 14 मार्च से 30 जून तक का सूखा राशन वितरित किया गया था। इसके बाद दूसरे चरण में जुलाई-अगस्त और तृतीय चरण में सितम्बर महिने में खाद्यान्न वितरित किया गया था। अब चौथे चरण में नवम्बर और दिसम्बर का खाद्यान्न वितरित किया जा रहा है।
कोम्बो पैक नहीं हुए उपलब्ध
सरकार ने कोरोना काल के दौरान सूखा खाद्यान्न के अलावा मिर्च मसालों के कोम्बो पैक व एक लीटर रिफाइण्ड तेल उपलब्ध करवाने की घोषणा की थी। लेकिन स्कूलों में अभी तक कोम्बो उपलब्ध नहीं हुए। सूखे खाद्यान्न तैयार करने के लिए मिर्च मसालों के अलावा तेल की जरूरत होती है। ऐसे में सरकार ने सूखे खाद्यान्न के साथ मसालों को कोम्बो पैक व रिफाइण्ड तेल मुहैया कराने की बात कही थी। लेकिन रसद विभाग से अभी तक कोम्बों पैक की आपूर्ति शुरू नहीं हुई है।