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रायथल में पट्टों की बंदरबांट

सीईओ ने माना तीनों सरपंचों को दोषी, परिवार के दर्जनभर सदस्यों को जारी किए थे पट्टे

बगरूSep 28, 2018 / 11:13 pm

Kashyap Avasthi

CEO pleads guilty to three Sarpanches

रायथल में पट्टों की बंदरबांट

रायथल. पंचायत समिति जालसू की ग्राम पंचायत रायथल में सरकारी भूमि पर न सिर्फ चहेतों को, बल्कि सरपंच द्वारा खुद के नाबालिग पुत्र समेत अन्य परिवारजनों को पट्टे जारी करने का मामला प्रकाश में आया है। मामले की जांच संभागीय आयुक्त कर रहे हैं। ग्रामीणों ने संभागीय आयुक्त जयपुर को पुन: ज्ञापन सौंपकर दोषी जनप्रतिनिधियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
जानकार सूत्रों के अनुसार रायथल ग्राम पंचायत पूर्व में आमेर पंचायत समिति के अधीन आती थी, लेकिन वर्ष 2014 में नवगठित जालसू पंचायत समिति में रायथल पंचायत को शामिल कर दिया गया। रायथल निवासी रमाकांत जांगिड़ समेत अन्य ग्रामीणों ने बताया कि वर्ष 2016 में सूचना के अधिकार के तहत वर्ष 1995 से 2010 तक ग्राम पंचायत की ओर से जारी किए पट्टों से जुड़ी जानकारी मांगी तो सामने आया कि वर्ष 1995 से 2010 तक तत्कालीन सरपंच मंजू यादव के कार्यकाल में सरपंच के ही दर्जनभर परिजनों को ही सरकारी भूमि पर पट्टे जारी कर दिए, जिसमें सरपंच के ससुर, देवर, जेठ, नाबालिग पुत्र समेत अन्य सगे-संबंधी शामिल थे। इतना ही नहीं अन्य परिवारों के लोगों को भी पट्टे जारी कर दिए। वर्ष 2000 में हुए सरपंच चुनाव में मंजू देवी के पति शंकरलाल यादव निर्वाचित हो गए तो उसने भी मापदंडों के विपरीत अन्य लोगों को पट्टे जारी कर दिए। यह क्रम यहीं नहीं रुका। वर्ष 2015 में नए सरपंच बने शिवराम बुनकर ने भी नियम-कायदों को ताक पर रखकर पट्टे जारी कर दिए। इसके बाद वर्ष 2015 में मंजू देवी यादव दूसरी बार रायथल की सरपंच चुनी गईं।
जांच में माना दोषी, कार्रवाई का इंतजार
ग्रामीण रमाकांत जांगिड़ व अन्य लोगों ने जिला कलक्टर से मई, 2016 में जिला कलक्टर जयपुर से शिकायत की तो मामले की जांच जिला कलक्ट्रेट में पदस्थापित पंचायत प्रसार अधिकारी से जांच करवाई, जिसमें वर्ष 1995 से 2010 तक पदासीन सरपंच, संबंधित वार्ड पंच एवं सतर्कता समिति के अध्यक्ष द्वारा पंचायतीराज नियम 1996 के नियमों की अवहेलना करते हुए विधि एवं नियम विरुद्ध पट्टे जारी करने के लिए राजस्थान पंचायतीराज अधिनियम 1994 के अन्तर्गत कार्यवाही करने का प्रस्ताव रखा गया। इस पर मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने ३ मई 2017 को जयपुर संभाग के संभागीय आयुक्त को जांच रिपोर्ट भेजकर ग्राम पंचायत रायथल में वर्ष 1995 से 2010तक जारी पट्टों में दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा की। इसके बाद संभागीय आयुक्त ने 26 जून 2017 को मुख्य कार्यकारी अधिकारी को तीनों सरपंचों के कार्यकाल से संबंधित शेष रहे पट्टों की जांच व आरोपियों के आरोप पत्र प्रारूप तैयार कर कार्यालय में प्रेषित करने के आदेश दिए गए, जिस पर मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने आरोप पत्र प्रारूप भी भेज दिया गया। शिकायतकर्ताओं का आरोप है कि अब तक इस मामले में कुछ नहीं हुआ, जबकि जांच में तीनों सरपंच दोषी पाए गए हैं। इस बारे में वर्ष 2005 से 2010 तक सरपंच रहे शिवराम बुनकर से सम्पर्क नहीं हो पाया।

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