जानकारी के मुताबिक सुरपुरा स्थित जलदाय विभाग के 5 बोरिगों से बोराज की पेयजल टंकी में पानी पहुंचाया जाना था। लेकिन पाइन लाइनों के जाल के कारण बोरिंग की पाइप लाइन खराब नलकूपों की लाइन से जुड़ गई। इसके चलते पांचों बोरिंग का पानी जीएलआर में नहीं जा कर बंद बोरिगों में ही जाता रहा। यानि सप्लाई होने वाले सात दिन का पानी खराब बोरिंग ही पीते रहे। जब टंकी रीती रही तो जलदाय विभाग के कार्मिकों ने पाइप लाइन की जांच की और पाइप लाइन को दुरुस्त किया।
दस दिनों से गहराया जलसंकट
ग्रामीणों की मानें तो गर्मी बढ़ने के साथ ही दस दिनों से इलाके में पेयजल संकट गहरा गया है। लोगों को पीने के पानी के लिए भी जद्दोजहद करनी पड़ रही है। जल जीवन मिशन के तहत हर घर में नल से पानी पहुंचाने के दावे खोखले साबित हो रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि सरकारी विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों की लापरवाही के चलते पानी नहीं मिल पाया। स्थानीय सुरेश मीणा व देवीलाल कुमावत ने बताया कि तकनीकी खामी के चलते लोग बूंद बूंद को तरस गए।
अधिकारी बोले पता नहीं कहां जा रहा है पानी
जलदाय विभाग कनिष्ठ अभियन्ता हरिनारायण मीणा ने दस दिन पहले बताया कि तकनीकी खामी के चलते पानी पता नहीं कहां जा रहा है। पाइप लाइन की जांच कराई जा रही है। इसके बाद तीन दिन पहले कार्मिकों ने लाइन को दुरुस्त किया और पानी टंकी तक पहुंचाया गया। मीणा ने बताया कि बिजली की कटौती के चलते भी बीसलपुर योजना से पूरा पानी नहीं मिल रहा था, जिससे भी सप्लाई बाधित हो रही थी।