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लॉकडाउन पड़ा भारी, 2020 में नहीं 2021 के मध्य मिलेगी ये सौगात

कोविड-19 ने सामोद कस्बे में बन रहे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) के भवन निर्माण की रफ्तार रोक दी है। स्थिति यह है कि जो भवन नवंबर तक पूर्ण होना, लेकिन लॉकडाउन में काम बाधित होने से अब यह वर्ष 2021 में पूरा हो पाएगा। इससे मरीजों को बेहतर सुविधाएं मिलने में देरी होगी।

बगरूJun 13, 2020 / 10:34 pm

Ashish Sikarwar

लॉकडाउन पड़ा भारी, 2020 में नहीं 2021 के मध्य मिलेगी ये सौगात

कोविड-19 ने सामोद कस्बे में बन रहे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) के भवन निर्माण की रफ्तार रोक दी है। स्थिति यह है कि जो भवन नवंबर तक पूर्ण होना, लेकिन लॉकडाउन में काम बाधित होने से अब यह वर्ष 2021 में पूरा हो पाएगा। इससे मरीजों को बेहतर सुविधाएं मिलने में देरी होगी।

जयपुर. कोविड-19 ने सामोद कस्बे में बन रहे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) के भवन निर्माण की रफ्तार रोक दी है। स्थिति यह है कि जो भवन नवंबर तक पूर्ण होना, लेकिन लॉकडाउन में काम बाधित होने से अब यह वर्ष 2021 में पूरा हो पाएगा। इससे मरीजों को बेहतर सुविधाएं मिलने में देरी होगी।
सरकार ने 2013 में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में क्रमोन्नत किया था, लेकिन पर्याप्त भवन नहीं होने से सीएचसी जैसी सुविधाओं का विस्तार नहीं हो पा रहा था। पहले सीएचसी के पास स्वामित्व भूमि के अभाव में भवन के लिए तरसता रहा। इसके बाद ग्राम पंचायत सामोद ने सीएचसी को 2410 वर्गगज का नि:शुल्क पट्टा जारी किया। साथ ही चौमूं विधायक रामलाल शर्मा की अनुशंसा पर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने नवीन भवन निर्माण के लिए सितंबर, 2018 में 5 करोड़ 25 लाख रुपए की वित्तीय एवं प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की, लेकिन पहले विधानसभा व फि र लोकसभा चुनावी आचार संहिता के चलते कार्यवाही आगे नहीं बढ़ी। चुनावी आचार संहिता के बाद भवन शिफ्टिंग को लेकर बालिका विद्यालय के खाली भवन में जरूरी मरम्मत व पार्र्किंग शुरू करवाकर सीएचसी के लिए तैयार किया गया। इसके बाद 10 जून 2019 को निर्माण का कार्य एनआरएचएम ने शुरू करवाया।

 

कोरोना में निर्माण रहा बंद
ठेकेदार अजीत गोयल ने बताया कि सामोद सीएचसी के नवीन भवन निर्माण का कार्य 10 जून, 2019 को शुरू कराया था। करीब पांच करोड़ पच्चीस लाख रुपए की लागत से बनने वाले नवीन भवन के निर्माण का कार्य युद्धस्तर पर किया जा रहा था। नवंबर, 2020 तक निर्माण कार्य पूर्ण करने की सभी तैयारियां कर रखी थी, लेकिन कोरोना के कारण लगे लॉकडाउन से समस्या बढ़ गई। निर्माण कार्य में जो लेबर काम कर रही थी, वो सभी दूसरे स्टेट की है। लॉकडाउन के चलते लेबर की समस्या बढऩे से निर्माण कार्य पूर्ण होने में तीन-चार माह का समय बढ़ गया है, जो भवन नवंबर तक तैयार होने वाला था। अब उस भवन के लिए फरवरी या मार्च 2021 तक इंतजार करना पड़ेगा।

 

भवन के अभाव में सुविधाओं से जूझता सीएचसी
स्कूल भवन में जगह नहीं होने से एक्स-रे मशीन को भी स्कूल भवन में शुरू नहीं कराया जा सका। बालिका विद्यालय भवन में जगह के अभाव के चलते एक्स-रे मशीन को शिफ्ट नहीं कया जा सका। एक साल से एक्स-रे मशीन सीएचसी के पुराने भवन के एक बंद कमरे में धूल फांक रही है। इससे मरीजों को एक्सरे के लिए अन्यत्र भटकना पड़ रहा है, जबकि यहां एक्स रे मशीन के साथ दो सहायक रेडियोग्राफर सीएचसी में अन्य कार्य देखने को मजबूर हैं। स्कूल भवन में जगह के अभाव के कारण पुरुष व महिला वार्ड एक ही कमरे व बरामदे में चलाया जा रहा है। फिलहाल सीएचसी संचालित है। वहा पार्र्किंग के लिए जगह नहीं होने से सीएचसी के सामने जाम लगा रहता है। (निसं.)

हां, निर्माण गति रुक गई है
नवीन भवन निर्माण के कारण सीएचसी को स्कूल के खाली भवन में शिफ्ट किया गया था, लेकिन जगह के अभाव के चलते काफी समस्या का सामना करना पड़ रहा है। एक्स-रे मशीन भी लगभग एक माह से बंद है। लॉकडाउन के कारण निर्माण गति रुक गई है, जिससे कार्य पूर्ण होने में तीन-चार माह का समय बढ़ गया है।
डॉ. सुभाष जाट, एसीएचसी प्रभारी सामोद

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