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डस्टबिन के नाम पर दुकानदारों से वसूल ले गए 30-30 रुपए

- कई दिन बाद भी नहीं आए तो जालसाजी का हुआ अंदेशा- रसीद पर ना पता ना फोन नम्बर

बगरूJul 02, 2019 / 11:55 pm

Ramakant dadhich

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डस्टबिन के नाम पर दुकानदारों से वसूल ले गए 30-30 रुपए

चौमूं. स्वच्छता अभियान के नाम पर दुकान-दुकान से जल्द ही डस्टबिन उपलब्ध कराने के नाम पर कुछ लोग तीस-तीस रुपए की वसूली करके चले गए। कई दिन बीत जाने पर भी डस्टबिन नहीं मिलने से दुकानदार स्वयं को ठगा सा महसूस कर रहे हैं। खास बात ये है कि नगरपालिका प्रशासन इससे बे-खबर है। पालिका प्रशासन मामले की जांच पड़ताल करवाएगी तो सैकड़ों व्यापारी मिलेंगे, जिनसे राशि वसूली गई है। सूत्रों के अनुसार एक पखवाड़े से आधा दर्जन लोगों ने शहर में जयपुर रोड, धौलीमंडी, रावण गेट, जलदाय विभाग कार्यालय के सामने, बापू बाजार समेत विभिन्न बाजारों में दुकान-दुकान गए। संबंधित लोगों ने दुकानदारों को बताया कि नगरपालिका प्रशासन की ओर से चौमूं में स्वच्छता का सर्वे करवाया जा रहा है। इसके लिए दुकानदारों को दुकानों के बाहर डस्टबिन रखने जरूरी होंगे। पालिका ने उनकी संस्था को यह कार्य सौंपा है कि शहर के सभी व्यापारिक प्रतिष्ठानों के सामने डस्टबिन लगे होने चाहिए। डस्टबिन भी उनकी संस्था ही उपलब्ध करवाएगी। जिस पर दुकानदारों ने भरोसा कर लिया। इसके लिए उन लोगों ने दुकानदारों से तीस-तीस रुपए की राशि भी वसूली।

पावती रसीद ऐसी
दुकानदारों को तीस रुपए लेने के बाद संबंधित लोगों ने पावती रसीद भी दी, जिसमें पर्यावरण से जुड़ी एक संस्था का नाम अंकित है। स्वच्छ अभियान के तहत गांधीजी का चश्मा बना हुआ है। छोटा परिवार-सुखी परिवार का स्लोगन लिखे हुए हैं। संस्था को सरकार से पंजीकृत बताया हुआ है, लेकिन न तो इस रसीद पर संस्था का कोई पता है और न ही कोई टेलीफोन-मोबाइल नम्बर हैं। किस दिन रसीद काटी गई है। इसकी तारीख भी नहीं है।
…ठगी हुई है
एसबीआई बैंक जयपुर रोड के पास ऑटो इंजीनियरिंग की दुकान करने वाले घनश्याम शर्मा ने बताया कि उसके पास दो युवक आए थे। दोनों ने नगरपालिका के निर्देश पर स्वच्छता का सर्वे करने की बात कही थी। दुकान के आगे डस्टबिन रखने के लिए ३० रुपए की रसीद भी काटी थी, लेकिन कई दिन हो गए। अब तक डस्टबिन देने नहीं आए। रसीद पर पता व फोन नम्बर भी नहीं है। अब कहां सम्पर्क करें। इसी तरह बापू बाजार में रेडिमेड की दुकान करने वाले बनवारीलाल सैनी ने बताया कि उसके पास युवकों ने रजिस्टर्ड संस्था का प्रतिनिधि बताते हुए तीस रुपए लेकर डस्टबिन उपलब्ध करवाने को कहा था, लेकिन अब तक कुछ नहीं हुआ। कई दिन हो चुके हैं। यदि एक-दो दिन में डस्टबिन नहीं आए तो दुकानदार मिलकर पुलिस व नगरपालिका प्रशासन को शिकायत करेंगे।
पालिका प्रशासन को नहीं खबर
पत्रिका संवाददाता ने इस मामले में नगरपालिका के अधिकारियों एवं कार्मिकों से मामले की जानकारी चाही तो इस मामले की जानकारी ही नहीं थी। संबंधित अधिकारी व कार्मिकों ने दुकानदारों को संस्था की ओर से ३० रुपए प्राप्त करने की काटी गई रसीद को अवैध करार दिया।

थाने में भी सौंपा था
सूत्रों की मानें तो कुछ युवकों को इस तरह की रसीद काटने की कुछ दुकानदारों की शिकायत पर पुलिस थाने भी ले जाया गया था, लेकिन वहां से उनको पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया था। जानकारों की मानें तो यदि पुलिस संबंधित युवकों से कड़ाई से पूछताछ करती तो सच्चाई सामने आ सकती थी।
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