कावडिय़ों के दल में पुरूष-महिला व छोटे बच्चे भी शामिल थे। कावड़ यात्राओं में हजारों की तादात में जनसैलाब उमड़ पड़ा। लोगों ने कावडय़ात्रा का कस्बे में जगह-जगह छाछ, लस्सी, दूध व शीतल पेय पिलाकर गुलाल उड़ेल कर स्वागत किया गया।
दहमीबालाजी से दल सुबह सवा सात बजे पूजा-अर्चना कर रवाना हुआ व दोपहर साढ़े बारह बजे शिवालयों में पहुंचा। कांवडय़ात्रियों को इस दौरान करीब साढ़े पांच घण्टे का समय लगा।
सर्वहिन्दू समाज द्वारा दूसरी बार गलता से कावड़ लेकर आए २८ कांवडिय़ों का दल दहमीबालाजी मन्दिर में रविवार देर शाम तक पहुंचा जहां पर बालाजी सेवा समिति व श्यामबजंरग मण्डल सेवा समिति दहमीकला की ओर से भण्डारे में कांवडिय़ों ने पंगत प्रसादी ग्रहण की।
तीन साल से नन्हा कांवडिया ला रहा कांवड़
कस्बे में साढ़े तीन साल की उम्र से ही पहले मालेश्वर से कावड़ लेकर आया इसके बाद गलता तीर्थ से तथा अब साढ़े पांच साल की उम्र में तीसरी बार भी गलता तीर्थ से यह नन्हा कांवडिय़ा सागर प्रजापत पिता बल्लू प्रजापत के साथ कांवड़ लेकर कस्बे में पहुंचा।
इस दौरान शान्तिपूर्ण माहौल के लिए भाकंरोटा, कलवाड़ा सेज तथा बगरू थाना सहित आरएसी के महिला-पुरूष जवान सहित जाब्ते में पुलिस तैनात रही। वहीं पुलिस मित्र टीम का भी कार्य सराहनीय रहा।