ऑन लाइन ठगी से था आहत एसआई जगदीश मीणा ने बताया कि धर्मेंन्द्र कुछ माह पहले ऑनलाइन ठगी का शिकार हो गया जिससे आर्थिक तंगी हो गई और वह कर्र्जे तले दबता गया। अवसाद में आए धर्मेन्द्र ने आत्महत्या जैसा कदम उठा लिया।
किसी को नहीं बताई समस्या
धर्मेंन्द्र करीब पन्द्रह साल से जयपुर के लाल मंदिर स्थित एक क्लिनिक पर कार्य करता था। क्लिनिक के संचालक डॉ. जी. वी. सक्सैना ने बताया कि वह मेहनती था और मेरे पारिवारिक सदस्यों की तरह रहता था। कर्ज व फोन पर ऑन लाइन ठगी की बात जरूर सामने आई। पड़ौसी ग्यारसीलाल जाट ने बताया कॉलोनीवासी धर्मेंन्द्र को डॉक्टर के रूप में जानते थे। वह यहां किसी के बीमार होने पर उपचार देते थे, लेकिन उन्होंने कभी पड़ौसियों को अपनी समस्या के बारे में नहीं बताया।
अब मासूमों का क्या होगा धर्मेंन्द्र ने तो मौत को गले लगा लिया, लेकिन अब उसके परिवार का क्या होगा। यह चर्चा घटना स्थल पर एकत्र लोग कर रहे थे। धर्मेंन्द्र की पत्नी सीमा, दो पुत्री निशा, इशिका व बेटा हर्षित है जो हाथोज के एक निजी स्कूल में पढ़ते हैं। घटना के बाद मृतक की पत्नी व बच्चों का रो-रो कर बुरा हाल था। पड़ौसी व रिश्तेदार ढांढस बंधवाने में जुटे थे।
नए मकान में आए ही थे
रिश्तेदारों ने बताया कि धर्मेंन्द्र कुछ माह पहले तक किराए के मकान में रहता था, लेकिन बाद में उसने मांचवा शुभरामपुरा स्थित गणपति विहार में स्वयं का मकान बनाया था और कुछ समय पूर्व ही वह परिवार सहित यहां रहने लगा था।
जांच में जुटी पुलिस कालवाड़ पुलिस मौत के मामले में ऑनलाइन ठगी सहित अन्य एंगल से जांच कर रही है। रात को मृतक की मोबाइल पर किस-किस से बात हुई इस पर भी फोकस कर रही है। इधर स्थानीय निवासियों व परिजनों ने ऑन लाइन ठगी व कर्जे के कारण किसी के द्वारा परेशान करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की भी मांग उठाई।