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बगरू

रक्षाबंधन पर बे‘बस’ रहीं बहनें

– 150 में से 80 बसे ही पहुंची बस स्टैण्ड तक

बगरूAug 11, 2022 / 10:20 pm

Kailash Barala

रक्षाबंधन पर बे‘बस’ रहीं बहनें

रक्षाबंधन पर बे‘बस’ बहनें

रक्षाबंधन पर बे‘बस’ रहीं बहनें
चौमूं.
रक्षाबंधन पर्व पर चौमूं शहर सहित आसपास के बस स्टैण्डों पर सरकार की नि:शुल्क यात्रा की सौगात बहनों के लिए मुश्किल भरी दिखी। राजस्थान पथ परिवहन निगम की रोडवेज बसों में जगह नहीं मिली तो, बस स्टैण्डों पर भी देरी तक बसों का इंतजार करना पड़ा।
स्थिति यह थी कि शहर के मुख्य बस स्टैण्ड पर हर दिन 150 बसों का ठहराव होता था, लेकिन गुरुवार को सिर्फ 80 बसे ही स्टैड पर पहुंच पाई। जबकि 70 बसे सीधे ही जयपुर सीकर हाइवे से गुजर गई। ऐसे में देर तक बसों के नहीं आने से यात्रियों को इंतजार कर हाइवे पर पहुुंचकर बसों में सवार होना पड़ा। या फिर कईयों को निजी वाहनों में यात्रा करनी पड़ी। हालांकि निगम अधिकारियों ने हाइवे स्थित राधा स्वामी कट पर चैक पोस्ट भी लगा रखी थी, लेकिन उसका भी असर नहीं नजर आया। अधिकारियों की माने तो जयपुर व सीकर की तरफ आने वाली बसे क्षमता से अधिक भरी होने की वजह से सीधे गुजरी है।

जानकारी के अनुसार चौमूं बस स्टैण्ड पर हर दिन 150 से अधिक बसों का ठहराव होता है, लेकिन रक्षा बंधन पर्व पर सिर्फ 80 बसे ही स्टैण्ड पहुंची है। स्टैण्ड तक बसों के नहीं आने से महिला यात्रियों को सरकार की नि:शुल्क यात्रा भी छलावा रही। गुरुवार सुबह से ही बस स्टैण्ड पर ब‘चों सहित महिलाओं की भीड़ जुटने लगी थी। इसके चलते रोडवेज की ओर से कई रूटों पर बढ़ाए गए बसों के फेरे भी नाकाफी साबित हुए और बसों की कमी में दोपहर तक मारामारी की स्थिति बन रही। काफी यात्री बसों के नहीं आने से वापस लौट गए या गंतव्य तक पहुंचने के लिए निजी बसों और अन्य वाहनों का सहारा लेते दिखाई दिए।(कासं.)

50 हजार की जगह 10 हजार का राजस्व
चौमूं रोडवेज बुकिंग केन्द्र पर हर रोज 50 हजार का राजस्व आता है, लेकिन रक्षा बंधन पर्व पर महिला यात्रियों के नि:शुल्क होने व अधिकतर बसों का ठहराव होने से राजस्व पर भी असर पड़ा है। हर रोज की तुलना में सिर्फ 10 हजार रुपए का राजस्व मिला है।

महिला सीटों पर पुरुषों का रहा कब्जा
बसों में महिलाओं के लिए सीट आरक्षित होती है, लेकिन रक्षा बंधन पर्व पर भीड के चलते महिलाओं की सीटों पर पुरुष कब्जा जमाए बैठे दिखे। जबकि निगम अधिकारियों की ओर से चैक पोस्ट भी लगा रखी थी। हालांकि महिलाओं ने रोडवेज बसों में सीट नहीं मिलने पर परिचालक से शिकायत करती नजर आई, लेकिन परिचालक भी पहले आओ पहले पाओ की बात कहकर पल्ला झाड़ते दिखे। ऐसे में महिलाओं को खड़े होकर यात्रा करनी पड़ी।

मुश्किल रही यात्रा, निजी वाहनों ने कुटी चांदी
यहां चौमूं बस स्टैंड से रींगस, सीकर, श्रीमाधोपुर, खंडेला, खेतड़ी, चूरू, बीकानेर, झुंझुनू, खाटूश्यामजी, सरदारशहर, गंगानगर, हनुमानगढ़, दातारामगढ़, अजीतगढ़, कांवट, थोई, सिंघाना सहित कई जगहों की बसों का ठहराव होता है। अधिकतर बसों के सीधे गुजर जाने से निजी वाहनों के बल्ले-बल्ले रही।

मोरीजा रोड पर भी स्थिति रही खराब
इधर, चौमूं चंदवाजी स्टेट हाइवे पर भी रोडवेज चालकों ने भीड़ अधिक देखकर छोटे स्टैण्ड पर बस नहीं रोकी। यहां मोरीजा, बांसा खाल्डा, जाटावाली, चीथवाड़ी मोड, मानपुरा माचैड़ी में यात्री बसों का इंतजार करते रहे। परेशान महिलाओं को निजी वाहनों से भी सफर करना पड़ा।

इनका कहना है-
राधा स्वामी कट पर चैक पोस्ट लगा रखी थी, लेकिन जयपुर से क्षमता से अधिक यात्रियों के बैठे रहने से बसे सीधे गुजरी है। हालांकि हर रोज 150 बसों का शहर के स्टैण्ड पर ठहराव होता है।
——-लोकेश सिंह, कार्यवाह प्रभारी, बुकिंग केन्द्र चौमंू.

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