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संभागीय आयुक्त ने मानपुरा माचैड़ी अस्पताल का किया ‘ऑपरेशन ‘

अस्पताल के सामने सरकारी चिकित्सक का मिला निजी क्लिनिक, आयुक्त के निर्देश पर जांच टीम गठित

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संभागीय आयुक्त ने मानपुरा माचैड़ी अस्पताल का किया 'ऑपरेशन '

संभागीय आयुक्त ने मानपुरा माचैड़ी अस्पताल का किया 'ऑपरेशन '

जयपुर/मानपुरा माचैड़ी. संभागीय आयुक्त डॉ. समित शर्मा द्वारा कस्बे के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र मानपुरा माचैड़ी के औचक निरीक्षण के दौरान शुक्रवार को चिकित्सक व अन्य कई चिकित्साकर्मी नदारद मिले। साथ ही केन्द्र के बाहर मरीज चिकित्साकर्मियों का इंतजार करते मिले, जिस पर संभागीय आयुक्त ने सीएमएचओ व बीसीएमओ से मोबाइल पर नाराजगी प्रकट की तथा अनुपस्थिति कार्मिकों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए। इस दौरान केन्द्र के सामने सरकारी चिकित्सक का एक निजी क्लिनिक संचालित मिला।

संभागीय आयुक्त ने बताया कि निरीक्षण के दौरान स्वास्थ्य में पदस्थापित डॉ. संजय गोयल, बसन्ता एलएचवी, प्रेमलता शर्मा एएनएम, शफ ी मोहम्मद वार्ड बॉय व उगन्ता सैनी एएनएम आदि ड्यूटी के दौरान अनुपस्थित पाए गए और मरीज बाहर इंतजार करते रहे। निर्देशों के बावजूद दो समय का उपस्थिति रजिस्टर भी संधारित नहीं किया गया था तथा मौके पर उपस्थित स्टाफ यूनिफ ार्म में नहीं था। इस संबंध में ब्लाक सीएमएचओ एवं जयपुर सीएमएचओ प्रथम डॉ. नरोत्तम शर्मा को नाराजगी प्रकट करते हुए अनुपस्थित कार्मिकों के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही करने एवं भविष्य में और अधिक सतर्कता से पर्यवेक्षण करने के निर्देश दिए गए। प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, मानपुरा माचैड़ी डॉ. संजय गोयल ने बताया कि मैं और एलएचवी बसंता, एएनएम आमेर ब्लॉक सीएमएचओ की बैठक में गए हुए थे। मेरी संभागीय आयुक्त से फोन पर बातचीत हुई है। बैठक में जल्दी आमेर जाने के कारण रजिस्टर में बैठक का हवाला देना भूल गया था।
सब कुछ उपलब्ध, फिर ये हाल

संभागीय आयुक्त ने सरकारी लैब का भी निरीक्षण किया। लैब में सैल कांउटर उपलब्ध है और चालू स्थिति में हैं। रिजेन्ट आदि भी उपलब्ध है, लेकिन तीन माह से अधिक समय से सीबीसी की कोई भी जांच नहीं की गई। इस पर आयुक्त शर्मा ने कहा कि प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र की लाखों की बिल्डिंग और 11 जनों के स्टाफ की नियुक्ति होने के बावजूद यह हाल है।
बॉक्स...अस्पताल के सामने मिला डायग्नोस्टिक सेन्टर है

संभागीय आयुक्त को निरीक्षण के दौरान केन्द्र के सामने डायग्नोस्टिक सेन्टर और एक अन्य सरकारी चिकित्सक का निजी क्लिनिक संचालित मिला। आयुक्त ने निजी लैब के बारे में जानकारी जुटाई तो पता चला कि पिछले तीन महीनों में निजी लैब में सीबीसी की लगभग 350 जांचें हुईं, जबकि स्वास्थ्य केन्द्र में एक भी जांच नहीं हुई। उन्होंने बताया कि लैब में मात्र 18 जांच की गई है, जबकि लैब टैक्नीश्यिन सैल कांउटर, यूपीटी जांच किट समेत अन्य सामग्री उपलब्ध है।

चिकित्सक लेते हैं नॉन प्रेक्टिस अलाउंस

संभागीय आयुक्त के निरीक्षण में मानपुरा स्वास्थ्य केन्द्र के सामने सरकारी चिकित्सक नरेन्द्र कुमार डांगी का निजी क्लिनिक मिला, जिस पर बोर्ड, मोबाइल नम्बर एवं रजिस्ट्रेशन नम्बर भी लिखा रखा है। आयुक्त को ग्रामीणों ने बताया कि शाम को हॉस्पिटल के बाद किराए की इस जगह पर डॉ. डांगी मरीज देखते हैं। विराटनगर बीसीएमओ डॉ. सुनील कुमार ने अवगत कराया कि बाजार में इस तरह से निजी क्लिनिक संचालित करना नियम विरूद्ध है। साथ ही डॉ. डांगी द्वारा प्रतिमाह नोन प्रैक्टिसिंग अलाउंस भी लिया जाता है। इसके बावजूद वह निजी प्रैटिक्स करते हैं। संभागीय आयुक्त ने संयुक्त निदेशक एवं जयपुर संभाग को 24 घण्टे में जांच कर कठोर अनुशासनात्मक कार्यवाही करने के निर्देश दिये। इसकी पालना में ब्लॉक सीएमएचओ विराटनगर डॉ. सुनील कुमार मीणा ने अनुपस्थित चिकित्सक व स्टाफ को नोटिस जारी कर दिया है। साथ ही डॉ. कमलेश बेनीवाल, डॉ. रामकिशोर जाट व डॉ. हंसराज गुर्जर वरिष्ठ सहायक की तीन सदस्यीय जांच समिति गठित कर दी है।