स्वीपर के अभाव में पुलिस व परिजनों को शवों के पोस्टमार्टम के लिए चार तक इंतजार करना पड़ा। जानकारी अनुसार सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में गत पांच-छह साल से स्वीपर का पद रिक्त होने से अब तक ठेके पर लगा सोनू वाल्मीकि ही पोस्टमार्टम करवाता आ रहा था, लेकिन रविवार को उसने स्थायी नियुक्ति देने व पारिश्रमिक बढ़ाने की मांग को लेकर पोस्टमार्टम करवाने में मदद के लिए मना कर दिया। इस पर पुलिस व चिकित्साधिकारी उसे समझाते रहे, लेकिन वह नहीं माना। इस दौरान दो अन्य स्वीपर को बुलवाया गया, उन्होंने हां भी कर ली, लेकिन शव देखते ही वो भाग खड़े हुए। आखिर पुलिस व अस्पताल प्रशासन के पास सोनू के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा तो सब इंस्पेक्टर रामेश्वर दयाल व चिकित्साधिकारी सुनील शर्मा ने सोनू को फोन किया। इनकी बहुत मिन्नतों के बाद व आश्वासन पर चार घंटे बाद दोपहर करीब 12 बजे वह अस्पताल पहुंचा। तब जाकर पोस्टमार्टम हो पाया।