गोविंदगढ़ कस्बे में पेयजल संकट गहरा रहा है, लेकिन जलदाय विभाग के अधिकारी सुध नहीं ले रहे हैं। ऐसे में लोग जनप्रतिनिधियों के द्वार पहुंच रहेय हैं।
बगरू•May 18, 2020 / 12:05 am•
Ashish Sikarwar
गोविंदगढ़ कस्बे में पेयजल संकट गहरा रहा है, लेकिन जलदाय विभाग के अधिकारी सुध नहीं ले रहे हैं। ऐसे में लोग जनप्रतिनिधियों के द्वार पहुंच रहेय हैं।
जयपुर. गोविंदगढ़ कस्बे में पेयजल संकट गहरा रहा है, लेकिन जलदाय विभाग के अधिकारी सुध नहीं ले रहे हैं। ऐसे में लोग जनप्रतिनिधियों के द्वार पहुंच रहेय हैं।
रविवार को कस्बे के बुनकर मोहल्ले सहित आसपास के क्षेत्र में पानी नहीं आया तो सभी सरपंच ओमप्रकाश शारदा के यहां पहुंचे। सभी ने कहा भयकर गर्मी में बिना पानी कैसे जीवित रहे। इस पर जलदाय विभाग के अधिकारियोंं को फोन कर समस्या बताई व ग्रामीणों को आश्वासन देकर शांत किया।
बोरिंग की सप्लाई कर दी बंद
बुनकर मोहल्ले में पहले बोरिंग से सीधे पेयजल सप्लाई होता था, लेकिन शुक्रवार को जलदाय विभाग के कर्मचारियों ने बोरिंग की सप्लाई हटाकर टंकी से सप्लाई पाइप लाइन में टी लगाकर बुनकर मोहल्ले की लाइन से जोड़ दिया, लेकिन बुनकर मोहल्ले की ऊंचाई ज्यादा होने व प्रेशर से पानी आने पर नल सूखे ही रहे।
सरकार को स्थानीयों की चिंता नहीं
ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि कस्बे मेें पांच नए बोरिंग कर जलदाय विभाग एवं प्रशासन पानी को चौमूं ले जा रहा है, लेकिन स्थानिय लोगों की सुध नहीं ली जा रही। ग्रामीणों की माने तो कस्बे के अधिकांश घरों में नलों मेें १० से १५ मिनट पानी आ रहा है। कस्बे के बुनकर मोहल्ले, पंचवटी, कुमावत मोहल्ला, मस्जिद के समीप, जैन मंदिर अनय जगह पानी की किल्लत है। ग्रामीणों ने रविवार को दूषित पानी सप्लाई होने की शिकायत भी सरपंच से की। (निसं.)
मामले को लेकर जलदाय विभाग के उच्च अधिकारियों को बता दिया है। अधिकारियों ने निराकरण का आश्वासन दिया है।
ओमप्रकाश शारदा, सरपंच गोविंदगढ़
काम बंद कराने को लेकर भिड़े श्रमिक
जयपुर. कस्बे की जालपाली ढाणी में ग्राम पंचायत द्वारा चलाये गये नरेगा कार्य पर श्रमिक आपस मे भिड़ गए। ग्राम पंचायत की जालपाली की ढाणी में महिलाओं द्वारा नरेगा में नाम लिखवाने के बावजूद भी नाम नहीं आने पर नाराजी जताते हुए जोहड़े में काम करने आई महिलाओं को काम नहीं करने दिया। इससे श्रमिकों में झड़प हो गई। शनिवार को जोहड़ा में नरेगा के काम से वंचित महिलाओं ने सरपंच पर चहेतों को काम देने का आरोप लगाते हुए काम बंद करा दिया था। इस पर विकास अधिकारी संपत सैनी ने ग्रामसेवक मनोहर सिंह को मौके पर भेजकर महिलाओं को सोमवार तक नये मस्टररोल में नाम दर्ज करने का आश्वासन देकर धरना बंद करा दिया था, लेकिन रविवार सुबह जैसे ही मस्टरोल में नाम दर्ज महिलाएं जोहड़े में काम करने पहुंची, तो वंचित महिलाएं पहुंची और काम बंद करा दिया। बीडीओ संपत सैनी ने जेटीओ को मौके पर भेजकर वंचित महिलाओं की सूची बनाई तथा उन्हें काम पर लगाए जाने का आश्वासन दिया। इसके बाद धरना खत्म किया गया।