जैसे ही राजस्थान पत्रिका को मामले की जानकारी मिली तो नगरपालिका की ईओ से फोन पर सम्पर्क करने की कोशिश की, लेकिन फोन रिसीव नहीं किया। इस पर स्थानीय निकाय विभाग जयपुर की क्षेत्रीय उप निदेशक रेणु खंडेलवाल को मामले की जानकारी दी तो उप निदेशक ने मामला आम जनता से जुड़ा होने के कारण तुरंत संबंधित अधिकारियों से बातचीत कर नगरपालिका प्रशासन को तीन दिन में बकाया बिलों की राशि जमा करवाने के निर्देश दिए। इसके बाद विद्युत निगम के अधिकारियों ने 26 अगस्त की शाम को ट्यूबवैलों एवं पम्पहाउस के कनेक्शन दुबारा जोड़े, लेकिन करीब पांच घंटे तक ट्यूबवैल नहीं चलने के कारण २७ अगस्त को शहर के विभिन्न हिस्सों की जलापूर्ति प्रभावित हुई।
निदेशक राठौड़ ने शुक्रवार को जारी आदेश में बताया है कि राजस्थान पत्रिका के 27 अगस्त 2019 के अंक में चौमूं नगर पालिका से जुड़ा ‘48 लाख जमा नहीं, काटे 15 कनेक्शन’ शीर्षक से समाचार प्रकाशित हुआ था कि नगर पालिका चौमूं द्वारा जलापूर्ति योजना में विद्युत बिलों का भुगतान नहीं करवाने के कारण विद्युत कनेक्शन काट दिए गए थे। इस कारण चौमूं में पेयजल आपूर्ति प्रभावित रही। इस प्रकरण की जांच में उच्च अधिकारियों ने अधिशासी अधिकारी की राजकार्य में लापरवाही को गंभीरता से लिया है। इस मामले की गंभीरता को देखते हुए शासन सचिव की अध्यक्षता में निदेशालय में 30 सितम्बर को सुबह 11 बजे बैठक आयोजित की जाएगी। बैठक में बूंदी, जैसलमेर, नागौर, श्रीगंगानगर, करौली, नाथद्वारा, नोखा एवं चौमूं नगरपालिका, नगरपरिषद के ईओ, आयुक्तों एवं संबंधित क्षेत्रीय उपनिदेशक शामिल होंगे। इससे पहले निदेशक राठौड़ की ओर से इस प्रकरण में अधिशासी अधिकारी चौमूं सरिता बड़ेसरा को कारण बताओ नोटिस जारी किया जा चुका है।