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जरा सी भूल और परेड: 80 दिन, 36 घटनाएं, लापरवाही से फैली आग

औधोगिक इकाइयों में बना रहता है ज्यादा खतरा, बढ़ रही आग की घटनाएं

बगरूApr 23, 2018 / 07:54 pm

Teekam saini

80 days, 36 incidents, negligence fire
चौमूं (जयपुर). गर्मियों में तापमान बढऩे के साथ ही उपखंड क्षेत्र में आग की घटनाओं का आकड़ा भी बढ़ गया है। पिछले 15 दिनों से जैसे-जैसे तापमान अपने तेवर दिखा रहा है, वैसे-वैसे आग की घटनाएं भी जोर पकड़ रही हैं। पिछले 21 दिनों में आए दिन कभी सूखे कचरे में तो कभी कच्चे घर, विधुत ट्रांसफार्मर, फैक्ट्रियों से निकलने वाले वेस्ट आदि में आग लगने से दमकलकर्मियों की ‘परेड’ हो रही है। इन घटनाओं की अहम वजह लापरवाही ही मानी जा रही है। गर्मी के तीन महीने और हैं, इसलिए सावधानी नहीं बरती, तो ये आंकड़ा 100 के पार जाएगा। अग्निशमन केन्द्र चौमूं के अनुसार फरवरी से 21 अप्रेल तक उपखंड में आग की 36 छोटी-बड़ी घटनाएं हुई हैं। इनमें से 4 से 5 तो दूसरे उपखंड क्षेत्र की है, जहां चौमूं से दमकल भेजी गई। इनमें 10 घटना तो सूखे कचरे या कचरा डिपो की हैं। इसके अलावा 8 कच्चे घरों में आग के मामले हैं। शेष विद्युत ट्रांसफार्मर, वाहन आदि के मामले हैं। केन्द्र की फायरमैन टीम बताती है कि सूखा कचरा और छप्परों में आग का प्रमुख कारण लापरवाही है। बीड़ी-सिगरेट पीने वाले लोग रास्ते चलते हुए इन्हें बिना बुझाए यहां-वहां फैंक देते हैं। कचरा इनसे आग पकड़ लेता है। कच्चे घरों में भी लोग चूल्हे की आग को पूरी तरह से बुझाते नहीं हैं और तेज हवा या आंधी चलने पर चूल्हे की आग का पंतगा छप्पर तक पहुंचकर आग लगा देता है। ऐसे में लोगों की लापरवाही आग लगा देती है, जिस पर दमकलकर्मियों की मशक्कत हो जाती है।
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बेजुबानों पर भी मार
आग लगने की घटनाओं से पीडि़त को आर्थिक नुकसान तो होता ही है, लेकिन इसमें कई बेजुबान मवेशी भी मारे जाते हैं। ज्यादातर औधोगिक इकाइयों, रोड साइट लगे ट्रांसफार्मरों और खेतों के पूलों में ही लगती है। चौमूं अग्निशमन केन्द्र के अंतर्गत लगभग छह औधोगिक क्षेत्र आते हैं। इनमें कालाडेरा, जैतपुरा, मंडा-भिंडा, मानपुरा-माचैड़ी, गोविंदगढ़ औधोगिक क्षेत्र प्रमुख हैं। इन औधोगिक क्षेत्रों में सैकड़ों इकाइयां संचालित हैं। इनमें मार्च से जुलाई के बीच अक्सर आग लगने घटनाएं होती रहती हैं। सूत्रों की तो फैक्ट्रियों में आग लगने का अधिकांश कारण शॉर्ट सर्किट सामने आता है।
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पिछले एक सप्ताह से लगातार घटनाएं
अप्रेल माह में ही स्थिति ये हो गई है कि उपखंड में पिछले एक सप्ताह से हर रोज कहीं न कहीं आग की घटना हो रही है। 2 से 21 अप्रेल तक 19 दिनों में 12 स्थानों पर आग की घटनाएं हुई हैं। इनमें चौमूं के अलावा कालाडेरा, हाडौता, गोविंदगढ़, मानपुरा-माचैड़ी, इटावा-भोपजी में कहीं सूखे कचरे में आग लगी है, तो कहीं विद्युत ट्रांसफार्मर और कच्चे घर शामिल हैं। 8 अप्रेल को कालाडेरा के रीको औधोगिक क्षेत्र स्थित एक फैक्ट्री के कैमिकल युक्त वेस्ट में लगी आग, तो भयावह थी।
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ये स्टाफ और वाहन हैं केन्द्र में
– कुल 5 फायर व्हीकल
– एक क्विक रेस्पॉन्स व्हीकल
– एक मिनी वॉटर टेंडर
– एक वॉटर टेंडर
– एक एडवांस वॉटर टेंडर
– एक वॉटर वाउचर
– 16 फायरमैन
– 5 चालक
– 1 प्रभारी

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