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बेजुबानों पर भी मार
आग लगने की घटनाओं से पीडि़त को आर्थिक नुकसान तो होता ही है, लेकिन इसमें कई बेजुबान मवेशी भी मारे जाते हैं। ज्यादातर औधोगिक इकाइयों, रोड साइट लगे ट्रांसफार्मरों और खेतों के पूलों में ही लगती है। चौमूं अग्निशमन केन्द्र के अंतर्गत लगभग छह औधोगिक क्षेत्र आते हैं। इनमें कालाडेरा, जैतपुरा, मंडा-भिंडा, मानपुरा-माचैड़ी, गोविंदगढ़ औधोगिक क्षेत्र प्रमुख हैं। इन औधोगिक क्षेत्रों में सैकड़ों इकाइयां संचालित हैं। इनमें मार्च से जुलाई के बीच अक्सर आग लगने घटनाएं होती रहती हैं। सूत्रों की तो फैक्ट्रियों में आग लगने का अधिकांश कारण शॉर्ट सर्किट सामने आता है।
बेजुबानों पर भी मार
आग लगने की घटनाओं से पीडि़त को आर्थिक नुकसान तो होता ही है, लेकिन इसमें कई बेजुबान मवेशी भी मारे जाते हैं। ज्यादातर औधोगिक इकाइयों, रोड साइट लगे ट्रांसफार्मरों और खेतों के पूलों में ही लगती है। चौमूं अग्निशमन केन्द्र के अंतर्गत लगभग छह औधोगिक क्षेत्र आते हैं। इनमें कालाडेरा, जैतपुरा, मंडा-भिंडा, मानपुरा-माचैड़ी, गोविंदगढ़ औधोगिक क्षेत्र प्रमुख हैं। इन औधोगिक क्षेत्रों में सैकड़ों इकाइयां संचालित हैं। इनमें मार्च से जुलाई के बीच अक्सर आग लगने घटनाएं होती रहती हैं। सूत्रों की तो फैक्ट्रियों में आग लगने का अधिकांश कारण शॉर्ट सर्किट सामने आता है।
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पिछले एक सप्ताह से लगातार घटनाएं
अप्रेल माह में ही स्थिति ये हो गई है कि उपखंड में पिछले एक सप्ताह से हर रोज कहीं न कहीं आग की घटना हो रही है। 2 से 21 अप्रेल तक 19 दिनों में 12 स्थानों पर आग की घटनाएं हुई हैं। इनमें चौमूं के अलावा कालाडेरा, हाडौता, गोविंदगढ़, मानपुरा-माचैड़ी, इटावा-भोपजी में कहीं सूखे कचरे में आग लगी है, तो कहीं विद्युत ट्रांसफार्मर और कच्चे घर शामिल हैं। 8 अप्रेल को कालाडेरा के रीको औधोगिक क्षेत्र स्थित एक फैक्ट्री के कैमिकल युक्त वेस्ट में लगी आग, तो भयावह थी।
पिछले एक सप्ताह से लगातार घटनाएं
अप्रेल माह में ही स्थिति ये हो गई है कि उपखंड में पिछले एक सप्ताह से हर रोज कहीं न कहीं आग की घटना हो रही है। 2 से 21 अप्रेल तक 19 दिनों में 12 स्थानों पर आग की घटनाएं हुई हैं। इनमें चौमूं के अलावा कालाडेरा, हाडौता, गोविंदगढ़, मानपुरा-माचैड़ी, इटावा-भोपजी में कहीं सूखे कचरे में आग लगी है, तो कहीं विद्युत ट्रांसफार्मर और कच्चे घर शामिल हैं। 8 अप्रेल को कालाडेरा के रीको औधोगिक क्षेत्र स्थित एक फैक्ट्री के कैमिकल युक्त वेस्ट में लगी आग, तो भयावह थी।
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ये स्टाफ और वाहन हैं केन्द्र में
– कुल 5 फायर व्हीकल
– एक क्विक रेस्पॉन्स व्हीकल
– एक मिनी वॉटर टेंडर
– एक वॉटर टेंडर
– एक एडवांस वॉटर टेंडर
– एक वॉटर वाउचर
– 16 फायरमैन
– 5 चालक
– 1 प्रभारी
ये स्टाफ और वाहन हैं केन्द्र में
– कुल 5 फायर व्हीकल
– एक क्विक रेस्पॉन्स व्हीकल
– एक मिनी वॉटर टेंडर
– एक वॉटर टेंडर
– एक एडवांस वॉटर टेंडर
– एक वॉटर वाउचर
– 16 फायरमैन
– 5 चालक
– 1 प्रभारी