वयोश्री शिविर में भटकते रहे बुजुर्ग, घंटों इंतजार के बाद लौटे बैरंग
पंचायत समिति गोविन्दगढ़ का मामला
वयोश्री शिविर में भटकते रहे बुजुर्ग, घंटों इंतजार के बाद लौटे बैरंग
गोविन्दगढ़ (जयपुर). केन्द्र सरकार की राष्ट्रीय वयोश्री योजना के तहत पंचायत समिति गोविन्दगढ़ में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की ओर से सोमवार को लगाए गए पंजीयन शिविर में जिम्मेदार अधिकारी व कार्मिक देरी से आए, जिसके चलते घंटों तक शिविर स्थल पर बुजुर्ग लाठियों के सहारे भटकते रहे। बाद में शिविर में 236 लोगों को पंजीकरण किया तथा 152 लोगों को योजना में पात्र माना गया, जिन्हें एक महीने में लाभान्वित किया जाएगा। जानकारी के मुताबिक सरकार ने बीपीएल परिवार के साठ साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों को सम्बल प्रदान करने के लिए शुरू की गई राष्ट्रीय वयोश्री योजना के तहत पंचायत समिति मुख्यालय पर अधिनस्थ ग्राम पंचायतों के पात्र लोगों को लाभ दिलाने के लिए आयोजित शिविर में सैकड़ों की संख्या में वरिष्ठ नागरिक पहुंचे। शिविर में बुजुर्गों को लाने का जिम्मा आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को सांैपा गया था, जिसके चलते कार्यकर्ता पात्र लोगों को लेकर शिविर स्थल पर पहुंच गईं, लेकिन शिविर में चिकित्सकोंं की टीम व अधिकारी दोपहर 12.30 बजे पहुंचे। ऐसे में बुजुर्गों को अधिकारी व चिकित्सकों का लम्बा इंतजार करना पड़ा। जबकि वृद्धजन नौ बजे ही शिविर स्थल पर पहुंच गए।
सुबह नौ बजे के बैठे हैं
हाथनौदा से आई बुजुर्ग महिला केसरी देवी, गीता देवी, जंतर देवी व कमली देवी ने बताया कि सुबह नौ बजे पंचायत समिति परिसर मेें बुलाया गया था। घर से बिना कुछ खाकर ही आ गए। सुबह आते ही कागज देने पर भी दोपहर 2 बजे तक नम्बर नहीं आया। ऐसे में विभिन्न पंचायतों से आए बुजुर्ग रजिस्ट्रेशन कराए बिना ही निराश लौट गए। सिंगोद निवासी नाथूलाल, रघुनाथ, माली देवी, केसरी देवी, बिमला देवी, धन्नी देवी, मोहरी देवी, भंवरी देवी का कहना था कि सिंगोद से 17 जने फार्म भरकर तथा कागजी खानापूर्ति करके नौ बजे शिविर मेें आ गए, लेकिन दोपहर तक रजिस्ट्रेशन नहीं होने तथा जांच नहीं होने के कारण वापस लौटना पड़ रहा है।
पेयजल ना बैठने की व्यवस्था
योजना के तहत पंचायत समिति कार्यालय के पीछे टैन्ट लगा कर आवेदन लिए जा रहे थे, लेकिन पंचायत समिति के सभा भवन मेें फार्मों की जांच व लाभ लेने वालों की चिकित्सक जांच कर रहे थे, जहां पर पेयजल व बैठने की व्यवस्था नहीं होने पर बुजुर्गों व उनके साथ आए परिजनों को परेशान होना पड़ा। सभा भवन के सामने बुजुर्ग जमीन पर बैठे नजर आए।
कागजों में कमी बताने का आरोप
उदयपुरिया निवासी रामेश्वरी देवी का कहना है कि उसकी 15 वर्षीय पुत्री को आंखों से कम दिखाई देता है। ऊंचा सुनाई देता है। पैरों मेें चलने मेें दिक्कत है, लेकिन शिविर में किसी प्रकार की सुनवाई नहीं हुई, कागजों मेें कमी बता कर टरका दिया। मंडा निवासी 70 वर्षीय बुजुर्ग बोदूराम ने बताया कि वह नौ बजे आ गया था, तब से एक-दूसरे कांउटर पर चक्कर काट रहा हूं, लेकिन कोई ध्यान नहीं दे रहा है। शिविर में विभाग ने पंचायत कार्मिकों के बैठने के लिए भी काउंटर नहीं लगवाए।
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