जिलाधिकारी ने कहा कि जिन-जिन गांवों में शौचालय निर्माण हेतु धनराशि दी गई है उन गावों में सम्बन्धित क्षेत्र के खण्ड विकास अधिकारी जाएं और लोगों को प्रेरित करके शौचालय निर्माण में तेजी लाए और यदि निरीक्षण के दौरान शौचालय निर्माण के गुणवत्ता में कमी पाई जाती है तो उसकी रिपोर्ट प्रस्तुत करें ताकि एडीओ पंचायत से लेकर पंचायत सचिव, प्रधान और बीसी के विरूद्ध कार्रवाई की जा सके।
जिलाधिकारी ने सभी ग्राम सचिवों को निर्देश दिया कि 30 सितम्बर के अन्दर अपूर्ण शौचालय को पूर्ण करायें तथा ब्लाकों में तैनात ब्लाक को-आर्डिनेटरों को निर्देश दिया कि वे अपने क्षेत्र में शौचालय निर्माण की प्रगति से अपने खण्ड विकास अधिकारियों को निरन्तर अवगत कराते रहें और फीड बैक देते रहें ताकि शौचालय निर्माण कार्य में शिथिलता पाए जाने पर सचिव एवं प्रधानो के खिलाफ कार्रवाई प्रस्तावित की जा सके। जिलाधिकारी ने बैठक में उपस्थित सभी खण्ड विकास अधिकारियों को निर्देश दिया कि धन देने के बावजूद शौचालय निर्माण में फिसड्डी ब्लाक को-आर्डिनेटर, सचिव एवं प्रधानो के खिलाफ नोटिस जारी करके इस लापरवाही के लिए उनसे जवाब मांगा जाए। बैठक में मनरेगा कार्य तथा प्रधानमंत्री आवास की भी समीक्षा की गई जिसमें प्रगति धीमी होने के कारण प्रभारी जिलाधिकारी ने गहरी नाराजगी जताई और सभी ग्राम सचिव को निर्देश दिया कि जल्द से जल्द अपूर्ण कार्य को पूरा करवाएं।