scriptयहां डॉक्टर नहीं फार्मेसिस्ट के भरोसे चल रहा आयुर्वेदिक अस्पताल | Here Ayurvedic hospital running on pharmacist not doctors | Patrika News
बहराइच

यहां डॉक्टर नहीं फार्मेसिस्ट के भरोसे चल रहा आयुर्वेदिक अस्पताल

फार्मासिस्ट ने बताया- डा0 पूजा साहू आज छुट्टी पर हैं, इसलिये दवा देने का जिम्मा उनके जिम्मे है।
 

बहराइचMay 19, 2018 / 08:26 pm

Ashish Pandey

Here Ayurvedic hospital running

यहां डॉक्टर नहीं फार्मेसिस्ट के भरोसे चल रहा आयुर्वेदिक अस्पताल

बहराइच. जिले के फखरपुर ब्लाक अतर्गत गजाधरपुर इलाके में वर्ष 2006-07 में सरकारी योजनाओं के तहत लोगों के इलाज के मकसद से लाखों की कीमत से बना आयुर्वेद अस्पताल विभागीय जिम्मेदारों की उपेक्षा के चलते अपनी बदहाली पर आंशू बहा रहा। इस आयुर्वेदिक चिकित्सालय में न तो मरीजों के बैठने की कोई व्यवस्था है और न ही दूर दराज से आने वाले आगन्तुकों की इस भीषण गर्मी के मौसम में अपने हलक की प्यास बुझाने के लिये किसी प्रकार की पेय जल की सुविधा का कोई इंतजाम है।
गजाधरपुर में स्थित आयुर्वेदिक अस्पताल प्रधान मंत्री के स्वच्छता मिशन की हवा निकालते साफ देखा जा रहा है। यहां पर चारों तरफ फैली गंदगी का अंबार साफ गवाही दे रहा है कि इस अस्पताल का इस्तेमाल आस पड़ोस के लोग खलिहान की तरह इस्तेमाल कर रहे हैं।

प्रदेश की योगी सरकार भले ही लोगों को त्वरित लाभ पहुंचाने के लिए सूबे के सभी अफसरों को समय पर अपने दफ्तर आने का निर्देश दे रखा हो, लेकिन सरकार के आदेशों को बहराइच जिले के फखरपुर विकास खण्ड के ग्राम पंचायत नन्दवल बाजार में स्थित आयुर्वेदिक चिकित्सालय पर तैनात डाक्टर साहिबा पर पूरी तरह बेअसर साबित होता साफ दिखाई पड़ रहा है।

खिलवाड़ करने का काम कर रहे हैं
आप को बता दें कि राजधानी लखनऊ से चलकर इस अस्पताल में अपनी ड्यूटी का जिम्मा संभालने वाली डॉ. पूजा साहू अपनी तैनाती वाले स्वास्थ्य केन्द्र पर आना मुनासिब नहीं समझती। आलम यह है कि केंद्र में तैनात एक फार्मेसिट व वार्ड बॉय इस अस्पताल में आने वाले मरीजों को दवा देने का काम कर रहे हैं। वार्ड बॉय और फार्मासिस्ट डॉक्टर की गैर मौजूदगी में दवा देकर अनपढ़ एवं भोले भाले लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ करने का काम कर रहे हैं। फार्मासिस्ट दिनेश प्रताप सिंह ने बताया कि डा0 पूजा साहू जी आज छुट्टी पर हैं इसलिये दवा देने का जिम्मा उनके जिम्मे है।
दिकुलिया से दवा लेने आए पंकज ने बताया कि प्रभारी चिकित्सक महीने में एक-दो बार ही आती हैं और साइन बना के चली जाती हैं। जिससे हम सबको सही इलाज नहीं मिल पाता। सिरौली से आये अंकित कुमार ईलाज के लिए केंद्र पर आये थे, लेकिन डाक्टर के अनुपस्थित होने से वापस लौट गए।
अक्सर सेवा देती नजर आती हैं
रामबक्स पुरवा से आये राजेश ने ग्राम सभा नन्दवल निवासी आदित्य वर्मा, रामबचन सोनी विनय उपाध्याय, ग्राम प्रधान विनोद कुमार, सुरेंद्र नाथ ने बताया कि प्रभारी चिकित्सक महीने में कुछ दिन ही आती हंै और वो भी कोई भरोसा नहीं कितने बजे आएंगी, जिससे हम लोगों को झोलाछाप डाक्टरों के पास जाना पड़ता है। नाम न छापने की शर्त पर सूत्रों ने बताया कि डॉ साहिबा आती तो हैं, लेकिन कुंडासर जैतापुर मार्ग स्थित एक प्राइवेट हॉस्पिटल में अक्सर सेवा देती नजर आती हैं।

दवा के अभाव में बैरंग लौट रहे मरीज मौके पर मौजूद दिनेश प्रताप सिंह ने बताया कि यहाँ अक्सर दवा की कमी रहती है और यहाँ न ही कोई शौचालय है न पीने योग्य सरकारी नल जिससे यहाँ आने जाने वाले मरीजों को समस्या हो रही है। कई बार जिसकी शिकायत उच्चाधिकारियों से की गई है, मगर कोई सुनवाई नहीं हो रही।

इस प्रकरण पर जब जिले के मुख्य चिकित्साधिकारी डाक्टर अरुण कुमार पांडेय से बात करने की कोशिश की गयी तो उनके फोन पर रिंग बजती रही और फोन रिसीव नहीं हुआ।

Home / Bahraich / यहां डॉक्टर नहीं फार्मेसिस्ट के भरोसे चल रहा आयुर्वेदिक अस्पताल

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो