आपको बता दें कि कतर्नियाघाट सेंच्युरी रेंज में बाघ, तेंदुए, हिरन, हाथी, चीतल, बारहसिंघा व अन्य दुर्लभ वन्यजीव खुली हवा में विहार करते हैं। लेकिन बरसात के मौसम में जंगल की पगडंडियां क्षतिग्रस्त होने और वन्यजीवों के हमले की आशंका बढ़ने के मद्देनजर वन विभाग की ओर से पर्यटकों के आगमन पर यहां रोक लगा दी जाती है। 15 जुलाई से 14 नवंबर तक कतर्निया वन्यजीव विहार में पर्यटकों का प्रवेश पूरी तरह से वर्जित रहता है।
प्रभागीय वनाधिकारी जीपी सिंह ने बताया कि इको टूरिज्म के लिए निर्मित भवनों के अलावा ककरहा, मोतीपुर, निशानगाड़ा, धर्मापुर, मुर्तिहा और कतर्नियाघाट गेस्ट हाउस में भी पर्यटक ठहर सकेंगे। कतर्नियाघाट के दो थारू हट पर्यटकों के लिए बुक किए जाएंगे।
टाइगर कैंप- 2 कक्ष
लैपर्ड कैंप- 4 कक्ष
ट्री हट- 2
स्विस कॉटेज- 5