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मनरेगा योजना बनी मजाक, यहां मजदूरों की जगह जेसीबी से हो रहा का काम

मनरेगा योजना भी ग्रामीणों के पलायन को नहीं रोक पा रही है।

बहराइचJun 04, 2018 / 10:14 am

आकांक्षा सिंह

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मनरेगा योजना बनी मजाक, यहां मजदूरों की जगह जेसीबी से हो रहा का काम

बहराइच. रोजगार की तलाश में अपने वतन को छोड़ परदेश में कमाने के लिये गांव से पलायन करने वाले ग्रामीणों की फौज को रोकने के साथ ही उनको घर में ही रोजगार मुहैया कराने की मंसा से चलाई गई केंद्र सरकार की सबसे महत्वपूर्ण योजना, मनरेगा योजना भी ग्रामीणों के पलायन को नहीं रोक पा रही है। जिसका सबसे बड़ा मूल कारण है कि आज के हाईटेक जमाने में इंसानों के बजाय मशीनों का उपयोग कर तमाम जिम्मेदार सरकार की मंसा पर पानी फेरने का काम करते साफ नजर आ रहे हैं। जिसका जीता जागता प्रमाण कतर्नियां जंगल वाले इलाके से मिहीपुरवा विकास खण्ड के सुजौली गांव की ये Live तस्वीर व्यवस्था की हकीकत को स्वयं बयां करने के लिये खुद ब खुद काफी है।गांव के ग्रामीणों को गांव में ही रोजगार उपलब्ध कराना सरकार की सबसे बड़ी मंसा है ।लेकिन रोजगार उपलब्ध कराने वाले जिम्मेदार ही मनरेगा जैसी योजना का काम मजदूरों के बजाय ( जेसीबी) जैसी हाईटेक मशीनों से करायेगें तो ग्रामिणों के पलायन पर रोकथाम और सरकार का अभीष्ट सपना कैसे पूरा होगा ?


इस प्रकरण पर अवर अभियंता मनरेगा विवेक कुमार ने बताया कि जेसीबी मशीन से मनरेगा के तहत आवंटित सड़के किसी माईने में नहीं पटवा सकते। उन्होंने कहा सुजौली गांव में ऐसा कोई भी काम स्वीकृत नहीं हुआ है। बिना वित्तीय स्वीकृति के अगर काम करवाया जा रहा है तो काम का भुगतान नहीं किया जाएगा।

बहराइच-विकास खंड मिहींपुरवा के सुजौली गांव में ग्राम प्रधान की दबंगई के चलते मनरेगा के तहत आवंटित सड़के मजदूरो के स्थान पर आधुनिक जेसीबी मशीन से खुलेआम पटवाई जा रही है। सुजौली के मजरे टिलवा में ग्राम प्रधान शीला देवी की तरफ से जेसीबी मशीन लगवाकर गांव की सड़क को पटवाया जा रहा है। गांव में जेसीबी से खुलेआम खेत खुदाई व मिट्टी पटाई के मामले पर आस पास के ग्रामीणों का आरोप है कि ग्राम प्रधान मनरेगा के तहत आवंटित सड़को को मजदूरो से पटवाने के बजाय जेसीबी लगाकर पटवा रहे है जो कि गलत है ग्रामीणों का कहना है कि मनरेगा योजना हमें रोजगार देने के लिये बनाई गई है यदि सभी काम जेसीबी मशीन से होगे तो हमें रोजगार कौन देगा।


इस बाबत जब ग्राम प्रधान के पति जयप्रकाश गुप्ता से बात पूंछी गयी तो उन्होंने साफ तौर पर कहा कि मजदूर न मिलने की वजह से जेसीबी से काम कराया जा रहा है जिसको जो करना हो करे हम जेसीबी से ही सड़क पटवायेगे।मिहीपुरवा के अवर अभियंता मनरेगा विवेक कुमार ने बताया कि मनरेगा के तहत होने वाले सभी काम ग्रामीणों को रोजगार देने के उद्देश्य से कराये जाते है इसमे जेसीबी मशीन से सड़क नही पटवाई जा सकती। सुजौली में प्रधान की दबंगई पर उन्होंने कहा कि विकासखंड पर सुजौली गांव हेतु अभी मनरेगा का कोई काम स्वीकृत नही हुआ है यदि बिना वित्तीय स्वीकृति के कोई काम करवा रहा है तो उस काम के भुगतान की जवाबदेही विभाग की नही है इसके लिये प्रधान स्वयं जिम्मेदार है।

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