१८ साल बाद पुरातत्व संग्रहालय का किया जा रहा जीर्णोद्वार
दो विधायकों ने दिखाई रुचि, स्वीकृत की तीन लाख रुपए की राशि, चार कमरों की मरम्मत सहित लेट बॉथ का किया जा रहा निर्माण कार्य
बालाघाट. जिले के एक मात्र पुरातत्व शोध संस्थान संग्रहालय का आखिरकार कायाकल्प कार्य शुरू कर दिया गया है। यहां संग्रहालय के चार कमरों की मरम्मत सहित लेट बॉथ का निर्माण व अन्य छुटपुट कार्य करवाए जा रहे हैं। जिससे संग्रहालय पदाधिकारियों सहित पुरातत्व प्रेमियों में हर्ष का माहौल है। इस कार्य का क्रेडिट संग्रहालय के अध्यक्ष वीरेन्द्र सिंह गहरवाल जिले के दो विधायकों, मीडिया और प्रशासनिक अधिकारियों को देते हैं। जिनका कहना है कि इसके पूर्व सन १९९९ में संग्रहालय का जीर्णोद्वार कार्य किया गया था। इसके बाद मरम्मतीकरण के अभाव में संग्रहालय अत्यंत जर्जर और बदहाल होते जा रहा था। जिसके लिए उन्होंने मीडिया के माध्यम से आवाज उठाई और जिले के कटंगी विधायक केडी देशमुख व वारासिवनी विधायक योगेन्द्र निर्मल ने इस मामले मं रूचि दिखाई और देशमुख ने दो लाख व डॉ निर्मल ने एक लाख रुपए अपनी विधायक निधि से स्वीकृत किए। इसके बाद यह कार्य संभव हो पाया है। गहरवार ने बताया कि पूर्व कलेक्टर द्वारा इस कार्य को शीघ्र शुरू कर पूर्ण करने प्रयास किए गए। वहीं नवागत कलेक्टर ने संग्रहालय में बैठकर इसका निरीक्षण किया और स्टीमेट तैयार करवाकर कार्य शुरू करवा दिया गया है। जिससे संग्रहालय की मरम्मत और सदियों पूर्व की संपदा को संजोए रखने एक सुसज्जित संग्रहालय मुहैया हो पा रहा है। गहरवार ने बताया कि तेजी से कार्य किया जा रहा है। जिसे शीघ्र ही पूर्ण करवा लिया जाएगा।
अधिकारियों का मिल रहा सहयोग
संग्रहालय अध्यक्ष वीरेन्द्र सिंह गहरवाल की माने तो यह कार्य लोक निर्माण विभाग द्वारा करवाया जा रहा है। जिन्होंने कार्य को ठेके पर दिया है। इसके बाद वे स्वयं मौके पर उपस्थिति कार्य करवा रहे हैं। इसमें कभी कभी ठेकेदार द्वारा मनमानी कर कार्य में लीपापोती करने की कोशिश की जाती है। खासकर शौचालय निर्माण में ठेकेदार द्वारा निम्न स्तर की शीट डलवाई जा रही थी। वहीं खिड़कियों के मजबूतीकरण कार्य में लापरवाही बरती जा रही थी। जिसका उन्होंने विरोध भी किया। लेकिन ठेकेदार नहीं मान रहा था। इसके बाद उन्होंने लोनिवि के एसडीओ से चर्चा की। जिनकी फटकार के बाद निर्माण कार्य सही किया जा रहा है।
चार कमरों की हो रही मरम्मत
गहरवाल ने बताया कि तीन लाख रुपयों की राशि से अधिक से अधिक कार्य करवाने का प्रयास किया जा रहा है। वर्तमान में संग्रहालय के चार कमरे जिनकी छतों से पपड़ी निकलने लगी थी और छत जर्जर हो गई थी। उनमें प्लास्टर कर उन्हें सही किया जा रहा है। वहीं परिसर में एक लेटबॉथ निर्माण किया जा रहा है। इसके अलावा इसी तीन लाख रुपए की राशि से उनका प्रयास है कि फर्स में भी फ्लोरिंग कार्य हो जाए व कुछ कमरों में बीच की दीवार तोड़कर कमरे को बड़ा कर दिया जाए। ताकि यहां पहुंचने वाले सैलानियों को भ्रमण करने में परेशानी न हो और मूर्तियां रखने में भी आसानी होगी।
वर्सन
कटंगी और वारासिवनी विधायक ने रूचि दिखाते हुए तीन लाख रुपए की राशि स्वीकृत की। इसके बाद जीर्णोद्वार कार्य शुरू किया गया है। हमारा प्रयास है कि तीन लाख की राशि से अधिक से अधिक कार्य करवा लिए जाए।
वीरेन्द्र सिंह गहरवार, अध्यक्ष पुरातत्व शोध संस्थान
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