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बालाघाट

74 गांवों पर एक अस्पताल, फिर भी नहीं डॉक्टर

वारासिवनी जनपद के ग्राम रामपायली का मामला

बालाघाटNov 29, 2018 / 08:05 pm

mukesh yadav

aspatal

74 गांवों पर एक अस्पताल, फिर भी नहीं डॉक्टर

रामपायली। जिले के ग्रामीण अंचलों में स्वास्थ्य विभाग के हाल बेहाल है। आलम यह है कि अधिकांश अस्पताल डॉक्टर विहीन होने से उसके आसपास गांवों के लोगों को इलाज के लिए परेशान होना पड़ता है। ये हाल इन दिनों वारासिवनी जनपद की रामपायली पंचायत के है। यहां सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में महिला पुरूष दोनों डॉक्टर पदस्थ नहीं है। इस कारण 74 गांवों के लोगों को इलाज के लिए बाहर जाना होता है। इसके लिए कई बार आंदोलन करने के बाद भी इसका शासन प्रशासन पर कोई असर नहीं पड़ा। इस कारण ग्रामीणों में आक्रोश व्याप्त है।
ग्रामीणों ने बताया की सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र रामपायली को शासन ने 5 बिस्तरों से 30 बिस्तरों में परिवर्तित कर दिया। इसके बाद से डॉक्टर पदस्थ नहीं किया गया है। ग्रामींण इलाज करवाने अस्पताल पहुंचते हंै। लेकिन डॉक्टर नहीं होने से उन्हें बिना इलाज करवाए ही वापस लौटना पड़ता है। किसी दुर्घटना में घायल होने पर लोग इलाज के लिए तरस जाते हंै। जिन्हें मजबूरी में वारासिवनी या फिर बालाघाट रेफर करना पड़ रहा है। तब तक घायलों की जान पर बन आती है।
ग्रामीण परमेश्वर दास वैष्णव, संदीप वाघमारे, सोहेल खान, राज कुमार गोंदुडे, राजेन्द्र सिंह चौहान, नरेन्द्र सिंह चौहान ने बताया की इन दिनों ठंड से लोग सर्दी, वायरल से पीडि़त होते है। अस्पताल में लोग इलाज करवाने पहुंचते है। लेकिन डॉक्टर के अभाव में मरीजों का इलाज नहीं मिल पाता। यहां पर दुर्घटना होने पर थोड़ा बहुत नर्से पट्टी करवाकर वारासिवनी या फिर जिला मुख्यालय रेफर करवा देते हंै।
इतने गांव आश्रित है
जानकारी के अनुसार सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र रामपायली अंतर्गत ग्राम रेंगाझरी, कन्हारटोला, लालपुर, अमई, मोहगांव खुर्द, बिठली, देवगांव, महदुली, गर्रा, गर्राटोला, बकोड़ी, पिपरिया, डोके, कोथुरना, झाडग़ांव, कन्हडग़ांव, चिचोली, पिंडकेपार, कटंगी सहित अन्य ग्राम शामिल है। इतने ग्रामों के ग्रामीणों के लिए स्वास्थ्य सेवाओं का केन्द्र बिंदु होने के बावजूद यहां चिकित्सकों की पदस्थपना नहीं की जा रही है।
दो माह पहले की थी मांग
रामपायली में थाना होने पर पुलिस विभाग को एमएलसी करवाने में भी दिक्कतें होती है। वे डॉक्टर के अभाव में वारासिवनी या बालाघाट जाना होता है। इस बीच आने जाने में अधिक समय लग जाता है। एक-एक महिला, पुरुष चिकित्सक की लंबे समय से मांग की जा रही है। कुछ माह पूर्व स्थानीय युवाओं ने कलेक्टर, स्वास्थ्य अधिकारी से गुहार लगाई थी। जिन्होंने आश्वासन दिया था की वैकल्पिक व्यवस्था जल्द की जाएगी। लेकिन लंबा समय बीतने के बावजूद भी यहां व्यवस्था नहीं की गई। परिणाम स्वरूप लोग असमय काल के गाल में समाने मजबूर है। गंभीर बीमारियों के रोगियों को इलाज ना मिल पाना भी एक समस्या है। क्योंकि यहां चिकित्सक का अभाव लंबे समय से होने के कारण लोग आर्थिक परेशानी का दंश झेल रहे हैं।
वर्सन
हमारे द्वारा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में डॉक्टर पदस्थ करवाएं जाने कई बार शिकायत की। इसके अलावा ग्रामीणों के साथ आंदोलन किए। लेकिन महज आश्वासन ही मिला है। ग्रामीणों को स्वास्थ्य सुविधाओं का हक दिलाने हम वृहद स्तर पर आंदोलन की रणनीति बनाएंगे।
वीणा शुक्ला, सरपंच ग्रापं रामपायली

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