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बालाघाट

डेढ़ लाख की आबादी के पास नहीं है डॉक्टर

तिरोड़ी, महकेपार, गोरेघाट, बम्हनी उपस्वास्थ्य केन्द्रों में चिकित्सक के पद खाली

बालाघाटMar 18, 2020 / 12:56 pm

mukesh yadav

डेढ़ लाख की आबादी के पास नहीं है डॉक्टर

डेढ़ लाख की आबादी के पास नहीं है डॉक्टर

तिरोड़ी/बोनकट्टा। क्षेत्र में करीब 1 लाख की आबादी के उपचार के लिए उपस्वास्थ्य केन्द्रों में चिकित्सकों के पद बीते कई सालों से रिक्त पड़े हंै। इस कारण ग्रामीणों को उपचार के लिए भटकना पड़ रहा है। तिरोड़ी, महकेपार, गोरेघाट, बम्हनी जैसे उपस्वास्थ्य केन्द्रों में स्थिति सर्वाधिक बदत्तर है। इन शासकीय उपस्वास्थ्य केन्द्रों पर महाराष्ट्र से सटी पठार अंचल की ग्रामीण आबादी उपचार के लिए आश्रित है। लेकिन चिकित्सक नहीं होने से ग्रामीण उपचार के लिए महाराष्ट्र की ओर दौड़ लगाते हैं। लेकिन जब से महाराष्ट्र में कोरोना वायरस की दस्तक की ग्रामीणों ने खबर सुनी है, तब से महाराष्ट्र उपचार के लिए जाने में भी कतरा रहे हैं। इधर, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र कटंगी भी लगभग भगवान भरोसे ही संचालित हो रहा है। यहां प्रभारी खंड चिकित्सा अधिकारी एसके जैन सप्ताह में मात्र 2 दिन के लिए वह भी केवल 1 घंटे के लिए अस्पताल आ रहे हैं।
तिरोड़ी तहसील सहित पठार अंचल की आबादी ने कलेक्टर एवं जिला चिकित्सा अधिकारी का ध्यानाकर्षण कराते हुए तत्काल पठार अंचल के सभी उपस्वास्थ्य केन्द्रों में चिकित्सकों की नियुक्ति कराने की मांग की है।
बम्हनी चिकित्स, कटंगी में अटैच-
जानकारी अनुसार उपस्वास्थ्य केन्द्र बम्हनी में कई सालों बाद एमबीबीएस चिकित्सक डॉ गजभिए की नियुक्ति हुई थी। खंड चिकित्सा अधिकारी डॉ पंकज दुबे के बिगड़े स्वास्थ्य को देखते हुए कलेक्टर के आदेश पर उन्हें कटंगी अस्पताल में अटैच कर दिया गया। जिससे बम्हनी केन्द्र खाली हो गया है। बम्हनी निवासी नोकेश भारतकर, भोलाराम नागमोते, किशन चिंदालोरे, प्रदीप पुष्पतोड़े एवं बोनकट्टा निवासी राजेश सावलकर सहित अन्य ने बताया कि बम्हनी केन्द्र में चिकित्सक नहीं होने की वजह से काफी परेशानी हो रही है। बता दें कि ग्रामीण अंचल में रहकर कोई भी चिकित्सक सेवाएं नहीं देना चाहता। ऐसे वक्त में डॉ गजभिए बीते कुछ साल से बम्हनी में ही निवास कर अपनी सेवाएं दे रहे थे, अब अचानक उन्हें कटंगी अस्पताल में अटैच कर दिया गया है। वह कब तक यही पर अटैच रहेंगे इस बारे में कुछ नहीं कहां जा सकता। लेकिन डॉ गजभिए कटंगी अस्पताल में ही रह गए तो पठार अंचल का बम्हनी केन्द्र एक बार फिर से चिकित्सक विहीन हो जाएगा। ग्रामीणों की मांग है कि कलेक्टर उन्हें तत्काल बम्हनी केन्द्र में पदस्थ करें। जिससे ग्रामीणों को पुन: बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकें।
पीएम के लिए कटंगी की दौड़-
पठार अंचल में चिकित्सक नहीं होने की वजह से किसी वारदात या घटना में मरने वाले व्यक्ति के शव को पीएम के लिए भी कटंगी अस्पताल लाया जाता है। दिक्कत तब हो जाती है जब कटंगी से 55 किमी. दूर गोरेघाट जैसे इलाके में किसी व्यक्ति का पीएम करना हो। बता दें कि पठार अंचल के बम्हनी अस्पताल में चिकित्सक के पदस्थ होने पर पीएम जैसे प्रकरणों में पुलिस को भी काफी सहूलियत थी। लेकिन अब बम्हनी में पद रिक्त होने की वजह से यह भी एक दिक्कत खड़ी हो गई है। वैसे तो क्षेत्र के सभी उपस्वास्थ्य केन्द्रों में चिकित्सकों को पदस्थ करने की नितांत आवश्यकता है। लेकिन मौजूदा स्थिति में बम्हनी केन्द्र में डॉ गजभिए को पुन: यथावत प्रभार देने की जरूरत है।
बीएमओ का नहीं मिला प्रभार-
बता दें कि सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र खंड चिकित्सा अधिकारी डॉ पंकज दुबे का स्वास्थ्य बिगडऩे की वजह से वह उपचार कराने के लिए बैगलोंर गए थे। वह अब स्वस्थ होकर लौट आए हैं। लेकिन उन्हें अब तक बीएमओ का प्रभार नहीं मिला है। उनके स्थान पर जिला चिकित्सा अधिकारी एसके जैन को बीएमओ का प्रभार दिया गया है। यह केवल सप्ताह में दो दिन अस्पताल आते हैं और बिना ओपीडी में बैठकर मरीजों की जांच किए ही वापस लौट जाते हैं। अस्पताल के सूत्रो की माने तो डॉ दुबे नाराज होकर अपना स्थानांतरण करने की जुगत लगा रहे हैं। अगर वे अपना स्थानातंरण कराने में कामयाब हो जाते हंै तो कटंगी अस्पताल में फिर से चिकित्सकों की कमी होगी।

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