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बालाघाट

मौत के बाद अपने भी हुए पराए, शव को नहीं लगाया हाथ

अंतिम संस्कार के लिए तरसता रहा शव, उपचार के दौरान जिला चिकित्सालय में वृद्धा की हुई मौत

बालाघाटOct 19, 2021 / 10:59 pm

Bhaneshwar sakure

मौत के बाद अपने भी हुए पराए, शव को नहीं लगाया हाथ

मौत के बाद अपने भी हुए पराए, शव को नहीं लगाया हाथ

बालाघाट. जिस मां ने अपनी कोख से बेटे को जन्म दिया, वह भी ऐसे समय पराया हो गया, जब एक मां को बेटे की जरुरत थी। विडम्बना यह है कि मरने के बाद भी न तो बेटे का पता चला और न ही अन्य किसी रिश्तेदार का। जीवन भर तो सभी ने अपनापन दिखाया, लेकिन उम्र के उस पड़ाव में एक वृद्ध को सभी ने दुत्कार दिया था। आलम यह था कि वह खानाबदोश जिंदगी जी रही थी। इसी दौरान उसकी तबीयत खराब हुई और अंतत: जिला चिकित्सालय में उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई। मौत के बाद भी शव अंतिम संस्कार के लिए तरसता रहा, अपनों की बाट जोहते रहा। मामला जिले के बैहर मुख्यालय का है।
जानकारी के अनुसार गीता पति रंजन मनकेले (७०) वार्ड क्रमांक १० बैहर निवासी थी। जो बैहर के बस स्टैण्ड में निवास कर रही थी। जिनकी तबीयत लगभग 3 माह से खराब चल रही थी। स्वास्थ्य खराब होने के चलते बैहर मुख्यालय के ग्रामीणों ने सिविल अस्पताल बैहर में उसे उपचार के लिए भर्ती करा दिया था। जहां लगभग 1 माह तक उपचार चलते रहा। लेकिन स्वास्थ्य में सुधार नहीं होने के कारण उसे जिला अस्पताल में भर्ती करा दिया गया। जिला चिकित्सालय में सोमवार को महिला की उपचार के दौरान मौत हो गई। अस्पताल पुलिस चौकी ने मंगलवार को शव का पोस्टमार्टम करा दिया। मर्ग कायम कर डायरी संबंधित थाना को भेज दी। लेकिन यहां वृद्धा के अंतिम संस्कार के लिए कोई भी परिजन सामने नहीं आया। अस्पताल पुलिस ने जैसे-तैसे उसके एक रिश्तेदार को खोजा, तो उसने भी अंतिम संस्कार करने से इंकार कर दिया। बताया गया है कि वृद्धा के एक बेटा-बहु भी है, जिनका कोई पता नहीं है। इधर, समाचार लिखे जाने तक शव जिला चिकित्सालय में ही रखा हुआ था।
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